वाराणसी, NOI :- Gyanvapi Masijd case Varanasi 7 october 2022 : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को दो अलग अलग मामलों की अदालत में सुनवाई होने जा रही है। दोपहर दो बजे के बाद दोनों मामलों में अदालत सुनवाई करेगी। इसके पूर्व गुरुवार को नाटी इमली में भरत मिलाप का स्‍थानीय अवकाश होने की वजह से अदालत में होने वाली सुनवाई टल गई थी। वहीं ज्ञानवापी परिसर के एएसआइ सर्वेक्षण और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की मांग को लेकर भी अदालत में सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई है।

पहले मामले में जहां वादी हिंदू पक्ष की किरन सिंह‍ द्वारा पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने के मामले में जहां सुनवाई होगी वहीं दूसरे मामले में शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद द्वारा वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन और भोग को लेकर भी अदालत में सुनवाई होनी है। 

किरन सिंह के प्रार्थना पत्र पर मामले में आज शुक्रवार की दोपहर बाद सुनवाई होनी है। विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई शुक्रवार की दोपहर बाद अदालत में होनी है। इस बाबत सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी परिसर को मंदिर का हिस्‍सा बताते हुए हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन की हिंदुओं द्वारा मांग की गई है।

वहीं दूसरी ओर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार की दोपहर सुनवाई होनी है।ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले में वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजा -पाठ राग -भोग आरती करने को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार की दोपहर बाद सुनवाई होनी थी जो अदालत बंद होने से शुक्रवार तक के लिए टल गई। सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग भी की है।

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान वजू खाने से शिवलिंग बरामद किया गया था। जिसे मुस्लिम पक्ष ने फव्‍वारा बताया तो अदालत ने शिवलिंग मानते हुए उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वजूखाने को सील कर दिया था। जिसके पूजन और भोग के लिए हिंदू पक्ष की ओर से नियमित मांग की जा रही है। वहीं पूरे परिसर में हिंदू मंदिर के साक्ष्‍य मिलने के बाद से ही परिसर को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है। लिहाजा दोनों ही मांगों के संदर्भ में अदालत में सुनवाई होनी है|


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