मुरादाबाद NOI :-  ई-चालान सिस्टम में सेंधमारी करने वाले गिरोह के सदस्यों का ट्रांसपोर्टरों से भी अच्छा नाता था। ट्रांसपोर्टर भी उनके चालान डिलीट कराकर मोटी कमाई कर रहे थे।आरोपितों में से एक के भाई का गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। उसके पास प्रतिदिन 50 ट्रक वालों का आना-जाना लगा रहता था। उन्हीं में से जिसका किसी जिले में चालान हो जाता था। वह अपने भाई के माध्यम से चालान को कम धनराशि में निपटाने का ठेका ले लेता था। इसलिए वहां भी सामान्तर दफ्तर संचालित हो रहा था।
बुधवार को एसओजी ने मझोला पुलिस और साइबर सेल की मदद से ग्राम मैनाठेर निवासी शाने आलम और इसी थाना क्षेत्र के ग्राम असदपुर निवासी जावेद अहमद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की टीमें उनका नेटवर्क खंगालने के लिए दूसरे जिलों में घूम रही हैं। डींगरपुर में जनसेवा केंद्र का संचालन करने की आड़ में जावेद अहमद ने ई-चालान निपटाकर मोटी रकम कमाने के लिए अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था।

कमाई से आरोपितों ने खरीदे कई प्‍लाट

पुलिस के मुताबिक इसी की कमाई से उसने कई प्लाट भी खरीदे हैं। आरोपित ने अपने स्वजन और रिश्तेदारों के नाम से अलग-अलग खाते खुलवाकर उनके एटीएम अपने कब्जे में ले रखे थे। उन्हीं खातों में आरोपित ग्राहकों से धनराशि ट्रांसफर करा लेता था। टीपी नगर में बास इंजीनियरिंग सर्विस की दुकान शानेआलम से भाई की पार्टनरशिप में है। इस काम में उसके भाई के पार्टनर भी शानेआलम से पकड़े जाने के बाद हैरान हैं। पुलिस यूपी और उत्तराखंड के 53 जिलों के ई-चालान का डाटा खंगाल रही है।

गाजियाबाद व ऊधम सिंह नगर से जुड़ रहे तार

जानकारी मिली है कि डींगरपुर क्षेत्र के कई लोगों ने गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट का बड़ा कारोबार कर रखा है।इसी तरह कुछ लोगों ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में भी ट्रांसपोर्ट खोल रखी है। इनमें से भी कई लोग शानेआलम और जावेद के संपर्क में रहे हैं। दोनों के स्वजन की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। इसलिए उनसे भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।

दो आरोपितों की सेवा समाप्त होगी

पुलिस के मुताबिक गिरोह में शामिल अभिकुमार लाल मिश्रा उर्फ आर्य कुमार मिश्रा आरटीओ कार्यालय अयोध्या में संविदा पर तैनात है। दूसरा अहमद रजा डींगरपुर, थाना मैनाठेर का ही रहने वाला है। तीसरा दीपक राज कानपुर कचहरी में संविदा पर तैनात बाबू है। पुलिस और एसओजी की टीम गिरोह के फरार सदस्यों को तलाश करने में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है लेकिन, अभी तक इनमें से कोई भी आरोपित पुलिस के हाथ नहीं लगा है। दो आरोपितों की सेवा समाप्त करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

कई दलाल भी पुलिस की निगाह

मुरादाबाद में संभागीय परिवहन विभाग के कार्यालय के आसपास बैठने वाले कई दलालों पर भी पुलिस की निगाह है। दोनों ही आरोपित इन दलालों के संपर्क में सबसे अधिक रहते थे।पुलिस को शक है कि यह दलाल भी गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं।

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