रेवाड़ी NOI :-  साल 2018 में धारूहेड़ा अपराध अनुसंधान शाखा (सीआइए) के तत्कालीन इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह की हत्या के दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। हत्या का दोषी व्यक्ति गांव खरखड़ा का रहने वाला नरेश कुमार है। इस मामले में अदालत ने दो आरोपितों को बरी कर दिया था। एसआइ रणबीर सिंह मूल रूप से जिला गुरुग्राम के गांव जाटौली के रहने वाले थे।

ढाबा संचालक की हत्या मामले में था फरार

पुलिस के अनुसार गांव खरखड़ा के रहने वाले नरेश कुमार ने 31 अक्टूबर 2018 की रात अपने एक साथी के साथ मिल कर ढाबा संचालक रामबीर की गोली मार कर हत्या कर दी थी। हत्या की वारदात के बाद से नरेश फरार चल रहा था। 15 नवंबर 2018 की रात तत्कालीन सीआइए इंचार्ज एसआइ रणबीर सिंह को नरेश के धारूहेड़ा में होने की सूचना मिली थी।

गिरफ्तारी के दौरान चलाई गोली

रणबीर सिंह पुलिस की टीम के साथ नरेश को पकड़ने पहुंचे तो उसने एसआइ पर गोली चला दी थी। गोली लगने से एसआइ रणबीर सिंह की मौत हो गई थी। नरेश ने अन्य पुलिस जवानों पर भी गोलियां चलाई थी, लेकिन वे सभी बाल-बाल बच गए थे। पुलिस ने नरेश को मौके पर दबोच लिया था और उससे अवैध हथियार बरामद किए थे। नरेश पर इससे पहले भी वर्ष 2010 में धारूहेड़ा थाना में अपने ताऊ पर गोली चलाने, राजौरी गार्डन दिल्ली थाना में चोरी व मुखर्जी नगर थाना में लूट के मामले दर्ज है। पुलिस ने नरेश का सहयोग करने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया था।

दोषी को सुनाई फांसी की सजा 

धारूहेड़ा थाना पुलिस ने नरेश के विरुद्ध जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत के समक्ष पुलिस ने आरोपित नरेश के विरुद्ध ठोस साक्ष्य रखे थे। पुलिस ने अदालत में वारदात स्थल पर मौजूद गवाहों के बयान भी दर्ज कराए थे। साक्ष्यों व गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने नरेश को एसआइ रणबीर सिंह की हत्या का दोषी करार दिया था।शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने दोषी नरेश को फांसी की सजा सुनाई है।

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