नई दिल्ली, NOI :- केंद्र सरकार भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए योजना प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव ( production linked incentive -PLI) योजना में कई और सेक्टरों को शामिल करने जा रही है। पीएलआई के जरिए सरकार की कोशिश देश में औद्योगिक उत्पादन हो बढ़ाना और आयात बिल कम करना है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकार पीएलआई स्कीम को लेदर, साइकिल, कुछ टेलीकॉम उत्पाद, खिलौनों, कुछ केमिकल और शिपिंग कंटेनर के लिए लागू करने पर विचार कर रही है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर पैदा करना है।

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क्या है प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम?


भारत सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात बिल कम करने के लिए मार्च 2020 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें सरकार कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है। विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए आमंत्रित करने के अलावा, इस योजना का उद्देश्य घरेलू कंपनियों को देश में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

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अब तक 14 सेक्टरों में लागू हो चुकी है स्कीम


केंद्र सरकार अब तक कुल 14 सेक्टरों में 2 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई दे चुकी है, जिसमें ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और सोलर पीवी मॉड्यूल्स का नाम शामिल हैं। अधिकारी का बताया कि इस बार सरकार प्रस्तावित सेक्टरों को 35,000 करोड़ रुपये की पीएलआई देने पर विचार कर रही है।

बता दें, हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार पीएलआई को कई और सेक्टरों में लागू करने को लेकर काम कर रही है।

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