कानपुर NOI :-  वाराणसी में एटीएस (आतंकवाद विरोधी दस्ता) के हत्थे चढ़े प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के एजेंट अब्दुल्ला सऊद अंसारी का कानपुर कनेक्शन भी सामने आया है। उसने शहर के कई मदरसों में अपनी जड़ें जमा ली थीं। उससे बरामद लैपटाप की फोरेंसिक जांच में कई अहम डाटा मिले हैं, जिसमें शहर के मदरसों का ब्योरा है। इस इनपुट के बाद एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इन मदरसों पर निगरानी शुरू कर दी है।

अब्दुल्ला का कानपुर के मदरसों से संबंध

राष्ट्रीय नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शहर में बवाल के बाद नई सड़क पर हुए उपद्रव में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सदस्यों के सक्रिय होने की बात प्रकाश में आई थी। उसके बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी थी।

इस बीच वाराणसी से गिरफ्तार अब्दुल्ला सऊद अंसारी से कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। शहर की घनी आबादी वाले रावतपुर, चकेरी, चमनगंज, अनवरगंज, जाजमऊ व घाटमपुर के कुछ मदरसों के बारे में जानकारी मिली है। सुरक्षा एजेंसियां इन पर नजर बनाए हैं।

युवाओं को हथियार और बम बनाने की देता था ट्रेनिंग

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल्ला और उसके साथियों ने युवाओं को हथियार और बम बनाने की ट्रेनिंग देने व दहशत फैलाने के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से शहर के 100 से अधिक लोगों को जोड़ रखा था। युवाओं को बरगलाकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करके दंगे भड़काना और चर्चित लोगों पर हमले कराना संगठन का उद्देश्य था। हमले करने की वह आनलाइन ट्रेनिंग भी देता था।

अब्दुल्ला का कमांडर जो भी आदेश जारी करता था वह इन मदरसों के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाता था। यह भी इनपुट मिला है कि उसने कुछ लोगों को नेपाल के रास्ते पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए भेजा था।

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