गुमला, जासं, NOI :- अंडर 17 फीफा वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम की कप्तान अष्टम उरांव वर्ल्ड कप खेलने के बाद गुरुवार की देर रात तक अपने पैतृक गांव बिशुनपुर प्रखंड के बनारी गोररा टोली पहुंची। जहां वह अपने परिवार के साथ है सुकून से रह रही है। इस संबंध में अष्टम उरांव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि मैं 8 महीना बाद अपना घर वापस आई हूं। मुझे बहुत ही सुकून मिल रहा है। क्योंकि अपना घर परिवार एवं जन्म भूमि मुझे बहुत प्यारा है। इसलिए मुझे फाइव स्टार की चकाचौंध से ज्यादा सुकून अपने मिट्टी के खपड़ैल मकान में मिल रहा है।

अपने माता-पिता के मजदूरी करने को लेकर अष्टम ने क्या कहा


अष्टम उरांव ने अपने नाम से हो रहे सड़क निर्माण में अपने माता-पिता को मजदूरी करने के मामले में बोली कि मैं एक गरीब परिवार की बेटी हूं और हम लोग पांच भाई बहन हैं। जिस कारण मेरे माता पिता को सभी भाई बहनों को पढ़ाने लिखाने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है और इनका मुख्य पेशा ही मजदूरी करना है, तो मुझे इनके मजदूरी करने से कोई परेशानी नहीं है।

उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता आज मुझे मजदूरी करके ही इस मुकाम तक पहुंचाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है। कहा कि सभी बच्चों में अलग-अलग तरह के काबिलियत होती है कोई बच्चा पढ़ाई में कोई खेल में कोई गाने में तो कोई नाचने में आगे होता है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, जिसमें उनका रुचि है उस क्षेत्र में जाने दें।

गुमला हो में खेल इंस्टिट्यूट का निर्माण


अष्टम उरांव ने कहा कि झारखंड में काफी प्रतिभावान लोग मौजूद हैं। परंतु संसाधन के अभाव में वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। खासकर गुमला जिला जो एक खेल नगरी बन गई है। यहां सबसे अधिक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं गुमला जिला में इंस्टिट्यूट का निर्माण हो जहां पर यहां के बच्चे पढ़ाई के साथ खेल का भी प्रशिक्षण ले और वे आगे बढ़ सके।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement