EXCLUSIVE: अपने नाम से बन रहे सड़क में माता-पिता द्वारा मजदूरी करने को लेकर अष्टम उरांव ने क्या कहा? सुनिए...
अपने माता-पिता के मजदूरी करने को लेकर अष्टम ने क्या कहा
अष्टम उरांव ने अपने नाम से हो रहे सड़क निर्माण में अपने माता-पिता को मजदूरी करने के मामले में बोली कि मैं एक गरीब परिवार की बेटी हूं और हम लोग पांच भाई बहन हैं। जिस कारण मेरे माता पिता को सभी भाई बहनों को पढ़ाने लिखाने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है और इनका मुख्य पेशा ही मजदूरी करना है, तो मुझे इनके मजदूरी करने से कोई परेशानी नहीं है।
उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता आज मुझे मजदूरी करके ही इस मुकाम तक पहुंचाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है। कहा कि सभी बच्चों में अलग-अलग तरह के काबिलियत होती है कोई बच्चा पढ़ाई में कोई खेल में कोई गाने में तो कोई नाचने में आगे होता है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, जिसमें उनका रुचि है उस क्षेत्र में जाने दें।
गुमला हो में खेल इंस्टिट्यूट का निर्माण
अष्टम उरांव ने कहा कि झारखंड में काफी प्रतिभावान लोग मौजूद हैं। परंतु संसाधन के अभाव में वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। खासकर गुमला जिला जो एक खेल नगरी बन गई है। यहां सबसे अधिक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं गुमला जिला में इंस्टिट्यूट का निर्माण हो जहां पर यहां के बच्चे पढ़ाई के साथ खेल का भी प्रशिक्षण ले और वे आगे बढ़ सके।
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