खगड़िया , NOI : जिले का एक मात्र रौन इंजीनियरिंग कालेज में पठन-पाठन को लेकर थोड़ी प्रतीक्षा और करनी होगी। कालेज में बीते जुलाई से पठन-पाठन आरंभ होने वाला था। अब अगले माह से पठन-पाठन शुरू आरंभ होगा। मालूम हो कि यहां नामांकित छात्र अभी पूर्णिया पालिटेक्निक कालेज में पठन-पाठन को विवश हैं।

सात भवन बनकर तैयार, दो का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण


रौन इंजीनियरिंग कालेज के असैनिक अभियंत्रण के विभागाध्यक्ष सह एनपीटीइएल को-आर्डिनेटर सत्य प्रकाश कुमार ने बताया कि कालेज के सचिव ने 31 मई तक निर्माण कंपनी को कार्य पूरा करने का डेटलाइन दिया था। कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। नौ भवनों में से सात भवन बनकर तैयार हैं। दो भवन बायज हास्टल और गेस्ट हाउस का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। बता दें कि अक्टूबर 2022 से पूर्व खगड़िया इंजीनियरिंग कालेज में कुल 465 छात्र- छात्राओं का नामांकन था। भवन के अभाव में यहां का वर्ग संचालन पूर्णिया पालिटेक्निक कालेज में हो रहा है। बीते दिनों करीब 50 से अधिक छात्रों का नामांकन लिया गया। जिसके बाद छात्रों की संख्या बढ़ कर पांच सौ से अधिक हो गई है। छठ पूजा के बाद और नामांकन लिया जाएगा। कालेज के असैनिक अभियंत्रण विभागाध्यक्ष सह एनपीटीइएल को-आर्डिनेटर सत्य प्रकाश कुमार ने बताया कि नवंबर के अंत तक पूर्णरूप से इंजीनियरिंग कालेज बनकर तैयार हो जाएगा। उम्मीद है कि दिसंबर में पठन- पाठन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। जिसके बाद पूर्णिया में पढ़ रहे खगड़िया इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों की समस्याएं खत्म हो जाएगी। उन्हें अपना कालेज मिल जाएगा।

रौन इंजीनियरिंग कालेज भवन निर्माण की लागत खर्च 73 करोड़


वन निर्माण कार्य की लागत 73 करोड़ के आसपास है। प्रशासनिक भवन के अलावा शैक्षणिक भवन, कार्यशाला भवन, बालिका छात्रावास, प्राचार्य क्वार्टर आदि बनकर तैयार हैं। टाइप ए और टाइप बी तीन- तीन मंजिलें दो भवन हैं। चतुर्थ एवं तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी क्वार्टर बनाए गए हैं। भवन की चारदीवारी के साथ चार गेट लगाए जाएंगे। भवन के अंदर आंतरिक पथ, पाथवे एवं पार्किंग की भी व्यवस्था होगी। उपलब्ध स्थल को लैंडस्केप एवं हार्टिकल्चर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें भूमिगत टैंक एवं पंप रूम लगाए जाएंगे।

तीन ब्रांच में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की व्यवस्था


यहां तीन ब्रांच सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की व्यवस्था है। सिविल इंजीनियरिंग में कुल 120 सीट है। जबकि मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 60-60 सीटें हैं। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जिले के छात्र- छात्राओं को इसका लाभ मिल पाएगा।

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