विदेशी खरीदार मुरादाबाद के निर्यातकों से जानिए क्यों बोले कि अब यहां कभी नहीं आएंगे, हमारी तो कमर ही टूट गई
मुरादाबाद, NOI :- Moradabad Exporters Face Embarrassment : मुरादाबाद की सड़कों के गड्ढे यहां के लोगों के लिए ही परेशानी का कारण नहीं हैं, बल्कि विदेशियों के सामने शर्मिंदगी भी उठानी पड़ रही है। रविवार को कनाडा से मुरादाबाद आए विदेशी खरीदारों के सामने निर्यातकों को सड़कों की हालात के चलते शर्मिंदा होना पड़ा।
गड्ढे वाली सड़कों पर चलने के कारण विदेशी खरीदारों की पीठ में दर्द हुआ तो निर्यातक भी कोई कोई उत्तर नहीं दे पाए।निर्यातक एवं हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद की प्रशासनिक कमेटी के सदस्य शरद बंसल की विशेष आर्थिक जोन एसईजेड में भी फैक्ट्री है। शनिवार को कनाडा के खरीदार उनसे मिलने दिल्ली पहुंचे थे।
उन्होंने जो आर्डर दिए थे, उन पर कितना काम हो चुका है और उनके अनुसार ही डिजाइन पर काम हो रहा है या नहीं, यह देखने के लिए वह रविवार की सुबह मुरादाबाद आए। दिल्ली हाईवे से एसईजेड जाने के लिए फ्लाइओवर से नीचे उतरकर सर्विस रोड से होते हुए अंडरपास से गुजरना होता है। इसके बाद पाकबड़ा डींगरपुर मार्ग पर आते हैं।
बिना बारिश के सड़कें बनीं नदी
हाईवे से फर्राटा भरते हुए कार पाकबड़ा तक पहुंच गई। पाकबड़ा में उन्हें शरद बंसल ने रिसीव किया, उनके साथ कई और निर्यातक भी थे। इसके बाद कारें सर्विस रोड पर चलने लगीं। इस रोड पर आते ही जैसे नजारा पूरी तरह से बदल गया। रास्ता बिना बरसात के ही नदी बना हुआ था।
ठेली वालों के अतिक्रमण से लगा जाम
गड्ढों और कीचड़ के बीच से निकलते हुए जैसे ही आगे बड़े तो पाकबड़ा डींगरपुर रोड के मुहाने पर ही ठेलों वालों के अतिक्रमण के कारण जाम लगा हुआ था। जाम से निकलने के बाद जब कार एसईजेड की ओर बढ़ी तो गड्ढों भरी सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा था।
कनाडा के खरीदार के सवाल के जवाब नहीं दे पाए निर्यातक
कनाडा से आए खरीदार ने शरद बंसल से पूछा कि हाईवे के बाद सड़क की हालत इतनी खराब क्यों हैं। क्या आप इससे होकर ही रोज फैक्ट्री जाते हैं। क्या श्रमिक भी यहां से जाते हैं। गंदगी से गुजरने वाले श्रमिक तो बीमार हो जाते होंगे। उनके स्वास्थ्य का प्रभाव उत्पादों पर भी पड़ेगा। उन्होंने जैसे-तैसे जो भी उत्तर दिए और बात को किसी तरह टाल गए।
कनाडा के बायर बोले, अब नहीं आएंगे यहां
एसईजेड पहुंचकर कार से उतरकर खरीदार बोले थोड़ी ही देर में कमर में दर्द हो गया। आगे से यहां नहीं आएंगे। शरद बंसल ने बताया कि बायर के प्रश्नों का क्या उत्तर दें, केवल शर्मिंदगी उठानी पड़ी। बाहर क्या छवि बनेगी। जबकि विदेशी खरीदार फैक्ट्री और उसके आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं।
गड्ढों के कारण होता है अधिक व्यय
निर्यातक शहर में लगने वाले जाम और बदहाल सड़कों के कारण विदेश से आने वाले खरीदारों को मुरादाबाद लाना नहीं चाहते। वह जितना संभव होता है, उन्हें दिल्ली में ही अपने उत्पाद दिखाते हैं। इसमें उनका अधिक खर्च भी आता है। फिर भी कोई बायर फैक्ट्री आने की जिद करता है तो उन्हें लेकर आना ही पड़ता है।
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