कानपुर में हैरान करने वाला मामला आया सामने...13 शत्रु संपत्तियों को अवैध तरीके से बेचा गया
कानपुर, जेएनएन। कंघी मोहाल स्थित भवन संख्या 100/406 सहित शहर में स्थित 13 शत्रु संपत्तियों को अवैध तरीके से बेच दिया गया है। भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय की ओर से इन संपत्तियों को लेकर जिला प्रशासन को कुछ और पत्रावलियां दी गई हैं। जिनमें संपत्तियों की बिक्री, उस पर कब्जे से जुड़े कई साक्ष्य हैं। जल्द ही अभिरक्षक कार्यालय की टीम भी शहर आएगी। इसके बाद इन संपत्तियों को मुक्त कराने के तरीके पर निर्णय लिया जाएगा।
डीएम के आदेश पर मंगलवार को एडीएम सिटी अतुल कुमार ने इन संपत्तियों पर हुए कब्जे, उनकी बिक्री और प्रशासन व पुलिस द्वारा की गई अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की। डीएम ने वस्तु स्थिति से संबंधित रिपोर्ट भी अभिरक्षक को भेज दी है। फिलहाल इन संपत्तियों को बेचने वालों के विरुद्ध बजरिया थाने की पुलिस जांच कर रही है। चार आरोपितों के विरुद्ध पुलिस आरोप पत्र न्यायालय में दायर कर चुकी है।
भारत विभाजन के दौरान जो लोग पाकिस्तान चले गए उन्हेंं शत्रु माना गया था और उनकी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था। शहर के कंघी मोहाल स्थित भवन संख्या 100 / 406 समेत 13 संपत्तियों को उस समय शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था। इसके मालिक सखवत उल्ला, करीम उल्ला और शाहिद हलीम पाकिस्तान में जाकर बस गए थे। लेकिन, इन संपत्तियों को कुछ लोगों ने समय- समय पर गलत तरीके से बेचा। हलीम की संपत्तियों की बात करें तो शहर के परमट, हीरामन का पुरवा, नई सड़क, अनवरगंज, बशीरबाग स्वरूप नगर, कंघी मोहाल आदि जगहों पर उनकी संपत्तियां थीं।
इन भूमि पर अब अपार्टमेंट, अस्पताल बने हुए हैं। पिछले साल शत्रु संपत्ति संघर्ष समिति की ओर से डीएम से शिकायत की गई थी और कहा गया था कि संपत्तियों की गलत तरीके से बिक्री की गई है। जब जांच की गई तो आरोप सही मिले। इसके बाद छह फरवरी 2021 को चमनगंज स्थित हलीम डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. मोहम्मद अहमद जमाल ने बजरिया थाना में कंघी मोहाल की संपत्ति की बिक्री के मामले में कई लोगों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया था। बाद में पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दायर किया। अब इन्हीं संपत्तियों को लेकर अभिरक्षक कार्यालय की ओर से रिपोर्ट मांगी गई है। डीएम आलोक तिवारी ने मंगलवार को रिपोर्ट भेज दी है।
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