पीएफआई के पांच संदिग्धों की तलाश में कानपुर की बासमंडी इलाके में एनआइए का छापा, दो लोगों को उठाने की सूचना
सूत्रों की मानी जाए तो जांच एजेंसी के सदस्य डिप्टी पड़ाव स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पुराने कार्यालय भी गए। हालांकि संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से कार्यालय बंद है और लंबे समय से कोई चहलपहल नहीं देखी गई है। बीती तीन जून को शहर में हुए उपद्रव के बाद इस कार्यालय की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी। एनआईए के बाद अनवरगंज थाना पुलिस ने भी साकिर और जावेद के घर जाकर परिवारवालों से लंबी पूछताछ की।
लंबे समय से कानपुर में सक्रिय है पीएफआई
पापुलर फ्रंट आफ इंडिया लंबे समय से उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद इस संगठन की लखनऊ और कानपुर में सबसे ज्यादा पैठ रही है। कानपुर में संगठन के अधिवेशन भी हो चुके हैं। पिछले दिनों इस बात का दावा किया जा रहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के तमाम लोग कानपुर में छिपे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुए बवाल और तीन जून को हुए बवाल में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका सामने आई थी। कानपुर में लगभग 8 सदस्यों को चिन्हित करके गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा जा चुका है। तीन सदस्य अभी भी जेल में हैं, जबकि बाकी रिहा हुए पांच में एक फरार है। उसके बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
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