Citizenship Act 1955: पाक, बांग्लादेश व अफगान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता, इन राज्यों में होगा स्वागत

दूसरे देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के बजाय 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत नागरिकता देने का फैसला काफी अहमियत रखता है।
हालांकि CAA के तहत अभी तक सरकार ने नियमों को निर्धारित नहीं किया है और इसलिए इसके तहत अब तक किसी को नागरिकता नहीं दी जा रही है। MHA की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने भारतीय नागरिकता देने का अधिकार 13 और जिले के कलेक्टरों को और दो और राज्यों के गृह सचिवों को दे दी।
इन तीन देशों से भारत आए गैरमुस्लिमों को नागरिकता के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद जिला स्तर पर कलेक्टर इन आवेदनों को वेरिफाई करेंगे। आवेदन के साथ उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार के लिए आनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रक्रिया के बाद कलेक्टर सर्टिफिकेट जारी करेगा।
9 राज्यों के नाम:-
गुजरात
राजस्थान
छत्तीसगढ़
हरियाणा
पंजाब
मध्य प्रदेश
उत्तर प्रदेश
दिल्ली
महाराष्ट्र
कलेक्टर जारी करेगा प्रमाणपत्र
जांच पड़ताल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कलेक्टर जिन लोगों के आवेदन को सही पाएगा उनके लिए पंजीकरण या देशीयकरण का प्रमाणपत्र जारी करेगा। नरेन्द्र मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों-हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देना चाहती है, जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे। पिछले ही माह गुजरात के आनंद और महसाणा जिलों को यह अधिकार दिया गया था।
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