नई दिल्ली, NOI:  केंद्र ने बुधवार को उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें बताया गया है कि देश में हिरासत में होने वाली मौतों के मामलों में बढ़त आई है। राज्यसभा में लिखित तौर पर दिए गए जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने कहा, 'इस तरह के ट्रेंड के बारे में किसी तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है।' उन्होंने जेल के आंकड़ों से जुड़े 2019 के रिपोर्ट का हवाला दिया जो नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा प्रकाशित की गई और कहा कि रिपोर्ट में यह बताया गया है कि जेल में 1775 मौतें 2019 में हुई।' 

इससे पहले गृह राज्य मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में भी इसी सवाल का जवाब दिया था। उन्होंने सदन में कहा था कि 2018-19 और 2020-21 के बीच पुलिस हिरासत में 348 लोगों की मौत हुई हैं। वहीं इन्हीं तीन सालों के दौरान पुलिस हिरासत में 1189 लोगों को प्रताड़ना झेलनी पड़ी। एक प्रश्न के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2020-21 में पुलिस हिरासत में 100 मौतें और पुलिस हिरासत में यातना के 236 मामले दर्ज किए गए। ऐसे ही 2019-20 में पुलिस हिरासत में 112 मौतों और यातना के 411 मामले और साल 2018-19 में 136 लोगों की मौत और 542 यातनाओं के मामले सामने आए।

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