नई दिल्ली, NOI: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अभी तक किसी भी राज्य ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी की वजह से किसी की मौत की सूचना नहीं दी है। सिर्फ पंजाब ने 6 मौतों के लिए आक्सीजन की कमी पर शक जताया है। आक्सीजन की कथित कमी से मौतों का मामला संसद में उठने के बाद केंद्र ने ऐसी मौतों पर राज्यों से आंकड़ा मांगा था। यह सूचना एकत्र करके 13 अगस्त को मानसून सत्र के समाप्त हो जाने से पहले संसद में पेश किया जाना था।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, सिर्फ पंजाब ने चार मौतों की वजह को लेकर शक जताया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, 'जब संसद में यह प्रश्न उठाया गया तब राज्यों से स्पष्ट तौर पर यह प्रश्न पूछा गया और अब तक प्राप्त रिपोर्टो के मुताबिक केवल एक राज्य ने आक्सीजन की कमी की वजह से मौत का शक जताया है और किसी भी अन्य राज्य ने अब तक नहीं कहा है कि आक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं।'

इस बारे में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि शुरुआत में अमृतसर के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण छह लोगों की मौत हुई थी। बस इतना ही। हमने 70 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया और 300 टन की आवश्यकता थी। अब हम 400 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। अब कोई समस्या नहीं है।

केंद्र से मांगे गए आंकड़ों पर पंजाब, झारखंड, ओड़ि‍शा समेत 13 राज्यों ने दिया है जवाब

सूत्रों के अनुसार अरूणाचल प्रदेश, असम, ओडि़शा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, झारखंड , हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने जवाब दिया है। इनमें से केवल पंजाब ने कहा है कि आक्सीजन की कमी के चलते चार मौतें होने का शक है। पिछले महीने विपक्षी दलों ने संसद में यह बताने को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था कि राज्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई।

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