कानपुर, NOI :- भारतीय सभ्यता, अध्यात्म, धर्म व दर्शन का अध्ययन विदेश में भी बढ़ रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े शहर दुबई में मोहम्मद बिन राशिद पुस्तकालय की शोभा रामायण के साथ अन्य भारतीय धर्म ग्रंथ बढ़ा रहे हैं। यहां महर्षि वाल्मीकि के चित्र के साथ ही प्राचीन रामायण भी रखी हुई है।

कानपुर से दुबई गईं उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की सदस्य डा. माहे तिलत सिद्दीकी ने दुबई में पुस्तकालय का दौरा किया तो उनको देख कर खुशी हुई कि भारतीय ग्रंथों व अन्य पुस्तकों को वहां काफी पसंद किया जा रहा है। भारतीय सभ्यता, यहां का रहन-सहन, योग, साहित्य, धर्मग्रंथ यूरोप व अमेरिका महाद्वीप में तो पहले से ही काफी लोकप्रिय हैं। अब अरब जगत में भी इसके प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है।

डा. माहे तिलत सिद्दीकी को वहां के पुस्तकालय में अन्य पुस्तकों के साथ रामायण, भागवत गीता, वेद, उपनिषद, महाभारत सहित अन्य धार्मिक ग्रंथ भी दिखाई दिए। वहां पर पुस्तकालय प्रबंधक शेख अहमद को उन्होंने अपनी पुस्तक रामकथा व मुस्लिम साहित्यकार भेंट की। उन्होंने बताया कि शेख अहमद को जब पुस्तक के विषय में बताया तो उन्होंने काफी सराहना की तथा उसे पुस्तकालय में जगह दी।

दुबई में हो चुका मंदिर का निर्माण


दुबई में मंदिर का निर्माण भी हो चुका है। इस मंदिर का उद्घाटन शेख नाहयान बिन मुबारक ने दशहरा के अवसर पर किया था। मंदिर की नींव वर्ष 2020 में रखी गई थी।

-संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में सात मंजिला पुस्तकालय है। यहां अध्ययन के लिए आने वाले लोग भारतीय पुस्तकों को काफी पसंद कर रहे हैं। इनमें भारतीय धर्मग्रंथ भी शामिल हैं। मुस्लिम साहित्यकारों द्वारा भगवान राम की तारीफ में लिखे गए उर्दू लेखों का हिंदी संकलन भी काफी पसंद किया गया। -डा. माहे तिलत सिद्दीकी, सदस्य, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी

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