कानपुर, NOI :- तीन जून को नई सड़क पर हुए उपद्रव को खूनी रंग देने की साजिश का मुख्य आरोपित और डी-टू गैंग के सरगना अतीक का भाई अफजाल गुपचुप तरीके से अदालत में आत्मसमर्पण करके जेल पहुंच गया। पांच दिन बाद जब यह खबर जेल से बाहर आई तो पुलिस अफसरों में खलबली मच गई। पुलिस अधिकारी अब पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर उन तक यह सूचना क्यों नहीं पहुंची।

तीन जून 2022 को नमाज के बाद हिंसक भीड़ ने नई सड़क स्थित चंद्रेश्वर हाता पर हमला बोल दिया था। वैसे तो भीड़ एक टिप्पणी के विरोध में बाजार बंदी करने को जुटी थी लेकिन उपद्रव के बाद जब पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि यह साजिश शहर को दंगे की चपेट में झोंकने के लिए थी। उनका इरादा यह था कि खूनी हिंसा के बाद क्षेत्र में स्थित एकमात्र हिंदू बस्ती चंद्रेश्वर हाता खाली हो जाएगा। इस योजना को अमलीजामा एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हासमी, बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा, बिल्डर हाजी वसी ने डी-टू गैंग के अफजाल उर्फ जावेद के साथ मिलकर पहनाया।

अफजाल को छोड़कर शेष तीनों मुख्य आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं और जेल में हैं। पुलिस ने अफजाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट लिया हुआ है, मगर छह महीनों से वह पुलिस को गच्चा दे रहा था। अब अफजाल ने पुलिस को जोर का झटका दिया है। 17 नवंबर को एक मामले में सरेंडर करके अफजाल जेल चला गया। पांच दिनों बाद भी पुलिस अधिकारी इस सच्चाई से वाकिफ नहीं थे। अब जब अफजाल के जेल जाने की जानकारी सामने आई तो पुलिस अधिकारी भी भौचक्के हैं।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी कि आखिर अफजाल के जेल जाने की सूचना अधिकारियों तक कैसे नहीं पहुंची। जिस स्तर से भी लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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