हापुड़ के मेडिकल कालेज में एमबीबीएस सेकेंड ईयर की छात्रा ने लगाई फांसी, कानपुर में परिजनों को दी जानकारी
काफी देर तक दरवाजा नहीं खोलने पर हुआ शक
हापुड़ से एसपी दीपक भूकर ने बताया कि कानपुर की रहने वाली शैलजा सिंघल पिलखुवा के जीएस मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। वह एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। कालेज में बने छात्रावास के एक कमरे में वह सहपाठी छात्राओं के साथ रहती थी। शनिवार दोपहर शैलजा की सहपाठी छात्रा उसके कमरे में पहुंची। दरवाजा खटखटाने पर शैलजा ने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला। जिसके बाद सहपाठी छात्रा को शक हुआ और उसने कालेज एवं छात्रावास के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी।
काफी देर तक दरवाजा नहीं खोलने पर हुआ शक
हापुड़ से एसपी दीपक भूकर ने बताया कि कानपुर की रहने वाली शैलजा सिंघल पिलखुवा के जीएस मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। वह एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। कालेज में बने छात्रावास के एक कमरे में वह सहपाठी छात्राओं के साथ रहती थी। शनिवार दोपहर शैलजा की सहपाठी छात्रा उसके कमरे में पहुंची। दरवाजा खटखटाने पर शैलजा ने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला। जिसके बाद सहपाठी छात्रा को शक हुआ और उसने कालेज एवं छात्रावास के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी।
छात्रा के कमरे की हुई जांच
किसी तरह शैलजा के कमरे की खिड़की खोलकर उन्होंने अंदर झांका तो सभी हतप्रभ रह गए। शैलजा का शव कमरे में लगे पंखे से फंसी के फंदे पर लटका हुआ था। उन्होंने तत्काल मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद थाना पिलखुवा प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप चौहान भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने किसी तरह दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला।
फोरेसिंक टीम जुटा रही सुराग
वारदात के बाद पुलिस ने कालेज और छात्रावास के अधिकारियों एवं कर्मचारी से पूछताछ की। शैलजा के करीब छात्र-छात्राओं से पूछताछ की गई। मौके पर पहुंचकर फोरेंसिक टीम ने शैलजा के कमरे की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक उनके हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही मामले से पर्दा हटा दिया जाएगा।
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