The Kashmir Files Vulgar Row: कौन हैं नादव लपिड, जिनके 'द कश्मीर फाइल्स' पर दिए गए बयान ने मचाया बवाल
कौन हैं नादव लपिड
नादव लपिड का जन्म इजरायल के तेल अवीव में हुआ है। वह इजराइल के प्रसिद्ध स्क्रीन राइटर और फिल्ममेकर हैं। उनकी फेमस फिल्मों में सिनोनिम्स, किंडरगार्टन टीचर और पुलिसमैन जैसी फिल्में शामिल हैं। इजराइल फिल्ममेकर को साल 2015 में लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य में शामिल किया गया था। इसके बाद साल 2016 में वह कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक वीक जूरी के सदस्य और साल 2021 में 71 वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में 'ऑफिशियल कॉम्पीटिशन के जूरी मेंबर रह चुके हैं। 47 साल के नादव लपिड पर अक्सर अपने ही देश के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप लगता रहता है। उनका नाम 250 इजराइली फिल्ममेकर्स की लिस्ट में शुमार हैं, जिन्होंने शोमरोन फिल्म फंड के विरोध में एक ओपन लेटर पर सिग्नेचर किए थे। उनका मानना था कि ये फिल्म फंड सिर्फ एक गोल है, जिसमें इजरायली फिल्म निर्माताओं को फाइनेंशियल सपोर्ट और पुरस्कार के बदले में व्यवसाय को सफेद करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
ट्विटर पर लोगों ने उठाए नादव लपिड पर सवाल
नादव लपिड के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग राय दे रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'नादव कौन है और वह कश्मीर के बारे में क्या जानता है'। हमें एक इजराइल शख्स को द कश्मीर फाइल्स क्या है, इसके बारे में बताने की जरूरत क्यों है'। इसके अलावा ट्विटर पर लोगों की दो राय देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां कुछ यूजर्स नादव लपिड के बयान को सपोर्ट करते हुए विवेक अग्निहोत्री पर 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर तंज कस रहे हैं, तो वही दूसरी तरफ कुछ लोग ये पूछ रहे हैं कि नादव लपिड कौन हैं'। नादव लपिड का ये बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
क्या था 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर नादव लपिड का बयान
नादव लपिड ने गोवा में आयोजित इस फिल्म फेस्टिवल के समापन पर सभी फिल्मों की तारीफ की, लेकिन फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा, 'मैं इस समारोह के प्रमुख और निदेशक को इस प्रोग्राम में सिनेमा की समृद्धि, इसकी विभिन्नता और इस जटिलता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। ये बहुत ही इंटेंस था। हमने डेब्यू प्रतियोगिता में सात फिल्में देखीं, और 15 अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के बीच प्रतियोगिता इस फिल्म फेस्टिवल के फ्रंट रो में बैठकर देखीं। इनमें से 14 फिल्मों में सिनेमाई क्वालिटी देखने को मिली, गलतियों और चीजों पर गहरी चर्चाएं हुईं। उन्होंने अपनी बात को यही पर खत्म नहीं किया। द कश्मीर फाइल्स पर निशाना साधते हुए नादव लपिड ने कहा, 'हम सभी 15वीं फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स को देखकर शॉक्ड और परेशान थे। यह एक 'वल्गर प्रोपेगेंडा' है और इसे कलात्मक फिल्मों की सेक्शन में प्रतियोगिता में शामिल करना अनुचित है'।
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