UP Politics: कानूनी शिकंजे में फंसे आजम खां अब सियासी जंग भी हारे, रामपुर में 1980 से कायम थी बादशाहत
रामपुर, NOI :- Azam Khan News कानूनी शिकंजे में फंसे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां अब सियासी जंग भी हार गए। उनके गढ़ में ही भाजपा का परचम लहरा गया। इसके साथ ही उनका राजनीतिक दबदबा भी खत्म हो गया। इस उपचुनाव के दौरान आजम के साथ ही उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ तीन मुकदमे भी दर्ज हो गए।
आजम खां रामपुर से दस बार बने विधायक
रामपुर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां का मजबूत गढ़ रहा है। पिछले 42 साल से रामपुर की राजनीति में उनका सिक्का चल रहा था। 1980 में पहली बार विधायक बने और 10 बार जीते। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में तो सीतापुर जेल में बंद रहते हुए रिकार्ड वोटों से जीते। एक बार उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा भी शहर विधायक बनीं। इस उपचुनाव में न तो आजम खां प्रत्याशी थे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य।
इसबार रामपुर की जनता ने नहीं दिया आजम का साथ
आजम खां के करीबी आसिम राजा सपा प्रत्याशी बने, लेकिन रामपुर की जनता ने उनका साथ नहीं दिया। उन्हें मात्र 47296 वोट ही मिल सके, जबकि भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को 81432 वोट मिले। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में आजम खां को 1.31 लाख वोट मिले थे, लेकिन आसिम राजा उनसे आधे वोट भी नहीं पा सके। दरअसल उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का शुरू से ही विरोध हो रहा था।
इसबार रामपुर की जनता ने नहीं दिया आजम का साथ
आजम खां के करीबी आसिम राजा सपा प्रत्याशी बने, लेकिन रामपुर की जनता ने उनका साथ नहीं दिया। उन्हें मात्र 47296 वोट ही मिल सके, जबकि भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को 81432 वोट मिले। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में आजम खां को 1.31 लाख वोट मिले थे, लेकिन आसिम राजा उनसे आधे वोट भी नहीं पा सके। दरअसल उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का शुरू से ही विरोध हो रहा था।
भाजपा के करीब आए मुसलमान
उपचुनाव के नतीजों से यह बात साफ हो गई है कि अब मुसलमान भाजपा के करीब आ रहे हैं। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में तमाम मुसलमान सपा के साथ रहे, लेकिन उपचुनाव में ऐसा नहीं रहा। वे भाजपा के साथ भी खुलकर नजर आए। भाजपा नेता भी उनके घरों तक पहुंचे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना मुसलमानों के घर-घर जाकर प्रचार करते रहे। प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने भी मुसलमानों को गले लगाया। उपचुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गांव-गांव खिचड़ी पंचायतें आयोजित कर सभी वर्गों में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने का काम किया। राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली भी रामपुर में डेरा डाले रहे।
भाजपा के करीब आए मुसलमान
उपचुनाव के नतीजों से यह बात साफ हो गई है कि अब मुसलमान भाजपा के करीब आ रहे हैं। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में तमाम मुसलमान सपा के साथ रहे, लेकिन उपचुनाव में ऐसा नहीं रहा। वे भाजपा के साथ भी खुलकर नजर आए। भाजपा नेता भी उनके घरों तक पहुंचे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना मुसलमानों के घर-घर जाकर प्रचार करते रहे। प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने भी मुसलमानों को गले लगाया। उपचुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गांव-गांव खिचड़ी पंचायतें आयोजित कर सभी वर्गों में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने का काम किया। राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली भी रामपुर में डेरा डाले रहे।
रामपुर शहर से अब तक चुने गए विधायक
- फजले हक खां 1952
- असलम खां 1957
- किश्वर आरा 1962
- अख्तर अली खां 1967
- मुर्तजा अली खां 1969
- मंजूर अली खां 1974
- मंजूर अली खां 1977
- आजम खां 1980
- आजम खां 1985
- आजम खां 1989
- आजम खां 1991
- आजम खां 1993
- फरोज खां 1996
- आजम खां 2002
- आजम खां 2007
- आजम खां 2012
- आजम खां 2017
- तजीन फात्मा 2019
- आजम खां 2022
- आकाश सक्सेना- उपचुनाव 2022
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