कानपुर, NOI :- बांग्लादेशी नागरिक रिजवान को लेकर शुरुआती जांच में ही पुलिस को इतनी जानकारियां मिल गई हैं, जिसके बाद उसके देश विरोधी गतिविधियों और हवाला कारोबार में लिप्त होने का पूरा अंदेशा है। बड़ी बात यह है कि रिजवान अब तक भारत, पाकिस्तान सहित छह देशों की यात्रा कर चुका है। पुलिस इन यात्राओं से जुड़ी जानकारियां एकत्र करने की कोशिश कर रही है, ताकि और पुख्ता साक्ष्य जुटाए जा सकें।

पूछताछ में रिजवान ने खुद को बताया एमबीबीएस डाक्टर


संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया है कि रिजवान ने दो बार पाकिस्तान की भी यात्रा की है। इसके अलावा वह नेपाल, मलेशिया, मालदीव और थाईलैंड की भी यात्रा कर चुका है। उसने इन देशों में लंबा वक्त भी बिताया है। पूछताछ में रिजवान ने खुद को एमबीबीएस डाक्टर बताया है, लेकिन वह कहीं प्रैक्टिस नहीं करता है, जबकि परिवार का खर्चे लाखों में हैं।

शाही जीवन जीता है र‍िजवान का पर‍िवार


परिवार कितना शाही जीवन जी रहा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंपीरियल अपार्टमेंट के जिस फ्लैट में वह रहता था, उसका किराया 40 हजार रुपये है। सबसे बड़ी बेटी है, जो कि स्नातक की पढ़ाई कर रही है, जबकि अन्य दोनों बेटों शहर के एक बड़े स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिसकी फीस हजारों में है। पत्नी के पास जिस तरह जेवरात मिले हैं, उससे भी उसकी शाही जीवन शैली का पता चला है।

घर से डालर और 14.56 लाख रुपये की नगदी बरामद


इसके अलावा एक हजार डालर और 14.56 लाख रुपये की नगदी की बरामदगी से बड़ा सवाल पैदा हो रहा है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपित के संबंध हवाला कारोबारियों से है, इसे लेकर जांच शुरू कर दी गई है। जिस तरह से उसके द्वारा फर्जी और कूटरचित दस्तावेज तैयार किए गए है, उससे भी उसकी मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उसके देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का पूरा अंदेशा है।

बच्‍चों के भी र‍िजवान ने बदले नाम


संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि बड़ी बेटी इस समय 21 साल की है, जबकि दूसर नंबर के बेटे की उम्र 17 साल और सबसे छोटे बेटे की उम्र 13 साल है। रिजवान ने कोलकाता से अपने बेटी व बेटों की टीसी यानी ट्रांसफर सार्टिफिकेट लिया है। कुछ दस्तावेज ऐसे मिले हैं, जिसमें सामने आया है कि कोलकाता में उसने बच्चों के नाम भी बदल दिए थे। हालांकि कानपुर आकर उसने सही नाम से ही उनके आधार कार्ड बनवाए। जबकि तीनों बच्चों का जन्म बांग्लादेश में ही हुआ और तीनों के पास वहां का पासपोर्ट भी है। ऐसे में रिजवान ने ऐसा क्यों हुआ, यह बड़ा सवाल है।

मोबाइल सर्विलांस और डिलीट चैट से खुलेंगे कई राज


संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि रिजवान और उसके परिवार से जुड़े पांच मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में लिए हैं। परिवार आठ मोबाइल नंबर प्रयोग कर रहा था। इन सभी मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवाई गई है। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया के चैट व अन्य संदेश लेनदेन की जांच भी कराई जा रही है। जरूरत पड़ी तो डिलीट चैट की रिकवरी भी कराई जाएगी।

यह हुई है बरामदगी


पुलिस के मुताबिक उसने खालिद और रिजवान को मूलगंज थाना क्षेत्र के बीच वाला मंदिर के पास से गिरफ्तार किया। बाद में निशानदेही पर परिवार के अन्य सदस्य दबोचे गए। हालांकि सबसे छोटा बेटा मौके का फायदा उठाते हुए फरार होने में कामयाब रहा। पुलिस ने आरोपितों के पास से 14.56 लाख रुपये, 1001 डालर, हार, चेन, झुमकी, ब्रजबाला, नथुनी, अंगूठी, 2 लाकेट व अन्य आभूषणों के साथ 13 पासपोर्ट और पांच कूठरचित आधार कार्ड बरामद किया है।टीम को एक लाख रुपये का इनाम

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस आयुक्त ने गिरफ्तारी करने वाली टीम को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। टीम में प्रभारी निरीक्षक मूलगंज अनूप सिंह, उपनिरीक्षक सतीश सिंह, उपनिरीक्षक अंकिता तिवारी, सिपाही सर्वेश, नितिन ,अमित राघव आदि शामिल रहे।

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