Kanpur Corruption News: कानपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों की लापरवाही से 14 अरब रुपये के 5993 फ्लैट फंसे
आय होने के बजाय प्राधिकरण का हुआ धन खर्च
बिना डिमांड सर्वे कराए केडीएम ने वर्ष 2014 से 2016 के बीच अविकसित इलाकों में 13 आवासीय योजनाओं में 10432 फ्लैट बनवा दिए लेकिन छह साल होने के बाद भी वो सभी फ्लैट नहीं बेच पाया। अभी भी 5993 फ्लैट बिकने बाकी हैं। अगर प्राधिकरण के आंकड़े देखे जाएं तो हर साल 739 ही फ्लैट बिक पाए। इस दौरान लाखों रुपये फ्लैट की बिक्री के लिए शिविर लगाने में खर्च कर दिए गए। सपा सरकार में तत्कालीन केडीए उपाध्यक्ष जयश्री भोज ने मानकों को ताख पर रखकर फ्लैट बनवा डाले। तब तैनात रहे नगर नियोजक और एक्सक्यूटिव इंजीनियर उनके मुताबिक रिपोर्ट लगाते रहे। शहर में भूखंड की डिमांड के बाद भी एक-एक करके बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गईं। इससे आय होने के बजाय प्राधिकरण का धन खर्च होता गया। अनियोजित प्लानिंग के चलते प्राधिकरण को फ्लैट खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं। 50 फीसद धनराशि जमा करने पर फ्लैट में कब्जा मिलने की सुविधा दिए जाने के बाद भी खरीदार नहीं आ रहे हैं। कई में योजनाओं में 10 प्रतिशत तक फ्लैट नहीं बिके हैं।
केडीए द्वारा लाई गईं अलग-अलग योजनाएं
- केडीए ने अपार्टमेंट बनाने से पहले एक भी योजना का डिमांड सर्वे नहीं कराया।
- प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में कराया गया डिमांड सर्वे
- प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में डिमांड सर्वे कराया है। आवंटी से पहले पांच हजार रुपये जमा कराए उसके बाद लाटरी कराई गई। डिमांड के आधार पर ही निर्माण कराया जा रहा है। लाटरी के माध्यम से आवंटन होने पर 10 प्रतिशत धनराशि जमा कराई गई।
क्या कहता है डिमांड सर्वे
योजना में भूखंड या फ्लैट बेचने से पहले डिमांड सर्वे कराया जाना चाहिए। इसके लिए योजना का प्रकाशन करके लोगों से राय लेने के साथ ही एक टोकन मनी भी जमा कराई जाती है ताकि खरीदार तय हो सके। 60 प्रतिशत से ज्यादा खरीदार आने पर ही योजना लांच की जानी चाहिए। निजी बिल्डर योजना लाने से पहले उसका प्रकाशन कराते हैं। इसके बाद लोगों की डिमांड देखने और धन जमा होने के बाद योजना को लाया जाता है। किस्तों में आवंटी से धन लेते जाते हैं और अपार्टमेंट खड़ा करते जाते हैं।
पिछली बोर्ड बैठक में फ्लैट न बिकने का मामला रखा गया था। तब दस योजनाओं के फ्लैट के दामों को फ्रीज कर दिया गया। बेचने के लिए खाका तैयार करने के लिए कहा गया है। खास तौर पर दूसरे शहरों में कैसे फ्लैट की बिक्री की गयी है इसका सर्वे कराकर प्रस्ताव तैयार कराया जाना तय हुआ। अब तीन माह बाद होने वाली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखने के लिए कहा गया है। - डा राजशेखर मंडलायुक्त
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