पटना, NOI :- शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब एक बार फिर कहर बनकर टूटा है। छपरा जिले में बुधवार देर रात तक जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 31 पहुंच गई है। कई लोगों की हालत अब भी गंभीर है। इस बीच नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री ने कहा है कि लोग शराब पीना छोड़ देंगे, तो सबसे बढ़िया होगा। बिहार सरकार में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने बुधवार को हाजीपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। बावजूद इसके लोग गलत तरीके से इसे बिहार में भेज रहे हैं। बिहार में शराब के नाम पर सिर्फ जहर ही आ रहा है। कोई एक नंबर का दारू नहीं आ रहा है। शराब स्लो प्वाइजनिंग की तरह लोगों के शरीर को खोखला कर रहा है।

समीर कुमार महासेठ ने कहा कि जो कोई भी इसके पीछे है, उसे पकड़ा जाएगा। फिर चाहे वह बिहार के अंदर के लोग हो या बाहर के। आगे उन्होंने कहा कि जो ताकत खेल-कूद से आती है, वो शराब पीने से नहीं आती है। शराब पीने से हमारी किडनी डैमेज होती है, ब्रेन डैमेज होता है और इससे हमारा बिहार आगे नहीं बढ़ रहा है तो इन सब चीजों से बचने की जरूरत है। लोगों में जागरुकता की कमी है। समीर माहेसठ ने सभी मीडिया से भी अपील करते हुए कहा कि बस आप ये प्रचार कर दें कि बिहार में शराब के नाम पर सिर्फ जहर की मार्केटिंग हो रही है। लोगों का जागरुक होना बहुत जरूरी है। 

जहां शराबबंदी नहीं वहां भी जहरीली शराब से मौत 


छपरा में जहरीली शराब से मौत को लेकर पूछे गए सवाल पर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक तीन गिरफ्तारी हुई है। प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है। विधानसभा परिसर में पत्रकारों के सवाल पर मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों ने भी कानून बनाया। आइपीसी की धारा बनाई फिर भी अपराध हो ही रहे हैं। तमिलनाडु, कनार्टक, उत्तरप्रदेश जैसे राज्य जहां शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौत होती है। शराबबंदी को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। राज्य के बाहर के सात हजार से अधिक आपूर्ति करने वाले धंधेबाजों को पकड़ा गया है।

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