लंदन, NOI : भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। उसे ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका की अनुमति नहीं मिली है। लंदन स्थित उच्च न्यायालय ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। नीरव मोदी धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है।

लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में न्यायमूर्ति जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायमूर्ति रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि 'अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है।' पिछले महीने, 51 वर्षीय हीरा कारोबारी की मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर दायर की गई अपील खारिज कर दी गई थी। अदालत ने मनोरोग विशेषज्ञों के बयान के आधार पर कहा था कि उसे ऐसा नहीं लगता कि नीरव की मानसिक स्थिति अस्थिर है और उसके खुदकुशी करने का जोखिम इतना ज्यादा है कि उसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दो अरब डालर ऋण घोटाला मामले में आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण और दमनकारी कदम साबित होगा। नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।

लंदन हाईकोर्ट ने दिया है प्रत्‍यर्पण का आदेश


नीरव के प्रत्‍यर्पण का आदेश लंदन हाईकोर्ट ने दिया था। हाईकोर्ट की दो जजों की बैंच ने नीरव मोदी की उस अपील को खारिज कर दिया था जिसमें पीएनबी घोटाले के मुख्‍य आरोपी ने उसे भारत प्रत्‍यर्पित करने के खिलाफ अपील की थी। अपनी अपील में नीरव ने खराब दिमागी हालत का हवाला देते हुए खुद को भारत न भेजने की अपील की थी।

114 अरब का बैंक घोटाला


पीएनबी घोटाला साल 2018 में सामने आया था, 114 अरब रुपये के इस घोटाले ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था को हिला दिया था। पीएनबी का आरोप था कि अरबपति ज्वैलरी डिजाइनर नीरव मोदी ने बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा से फर्जी तरीके से शपथ पत्र हासिल कर अन्य भारतीय बैंकों से विदेशों में पैसा लिया है। ये देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला था। इस मामले में पीएनबी ने कार्रवाई करते हुए अपने दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और इसकी जांच सीबीआई को सौंपने की अपील की। इस घोटाले की खबर से पीएनबी के शेयरों में करीब दस फीसदी की गिरावट आई थी और निवेशकों के करीब 4000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था।

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