नीतीश बाबू के 'चौकीदार' ही निकले शराबी: सिवान में शराबियों पर नकेल कसने वाला खुद मृतकों में शामिल
गांव के लोगों ने बताया कि अवध मांझी स्थानीय थाना की मिलीभगत से गांव और बार्डर एरिया में शराब की बिक्री करवाता था। शराब का सेवन उसने कहां से किया इसको लेकर ना तो स्वजन ही कुछ बोलने को तैयार थे और ना ही गांव के लोग कुछ बता रहे हैं। हालांकि, चौकीदार अवध मांझी की मौत के बाद पुलिस पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है और कुछ भी बोलने से कतराते हुए नजर आई।

गोरखपुर में इलाज के क्रम में हुई मौत
बता दें कि भगवानपुर प्रखंड जिले का सीमावर्ती क्षेत्र है और इस प्रखंड के कई गांव छपरा की सीमा से जुड़े हैं। वहीं छपरा के मढ़ौरा में हुए शराब कांड की आंच से इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। गांव के लोगों के अनुसार, अवध मांझी और उसके चचेरे भाई आमीर मांझी ने गुरुवार की दोपहर तीन बजे कहीं से शराब का सेवन किया और घर आए। घर आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दोनों भाई बाइक पर सवार होकर सदर अस्पताल पहुंचे जहां से दोनों को रेफर कर दिया गया। इलाज के लिए अवध मांझी गोरखपुर चला गया और आमीर मांझी घर आ गया। इसी बीच दोनों की शुक्रवार को मौत हो गई।

सब ने साथ में किया था शराब का सेवन
मृत शंभू राय का शव लेकर पोस्टमार्टम को आए गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि सभी ने 14 दिसबंर को शराब का सेवन किया था लेकिन पांचों ने शराब कहां जाकर पी थी इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है। गांव में भी चोरी छिपे चार से पांच जगह शराब की बिक्री होती है और पुलिस किसी पर कार्रवाई नहीं करती है। अगर पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई होती तो शायद शराब की बिक्री गांव में नहीं होती और पांच लोगों की मौत नहीं हुई होती। इधर, मृत शंभू राय की पत्नी ने बताया कि शंभू राय ने गांव के बाजार में जाकर शराब का सेवन किया था। इसके बाद उन्हें सिर में दर्द की शिकायत हुई और तबीयत खराब हो गई। इसके बाद स्थानीय अस्पताल में इलाज को भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार की अलसुबह से उन्हें रोशनी की शिकायत हुई। इसके बाद सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के क्रम में मौत हो गई।
गुठनी शराब कांड में पांच लोगों की से प्रशासन ने नहीं लिया सबक
बता दें कि डेढ़ वर्ष पूर्व सिवान के गुठनी प्रखंड में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हुई थी। यहां भी एक के बाद एक मौत का सिलसिला बढ़ने लगा था। मृत लोगों को पहले आंख से दिखाई नहीं देने और पेट में दर्द के बाद सिर दर्द की शिकायत थी। इस घटना में तत्कालीन एसपी अभिनव कुमार ने तत्कालीन दारोगा और चौकीदार को निलंबित किया था। इस घटना के बाद भी जिले में शराब की बिक्री निरंतर जारी रही और उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि शुक्रवार को भगवानपुर प्रखंड के ब्रह्मस्थान गांव में पांच लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से हो गई
Leave A Comment
LIVE अपडेट
राज्य
Stay Connected
Get Newsletter
Subscribe to our newsletter to get latest news, popular news and exclusive updates.





0 Comments
No Comments