पुणे, NOI :। किसी भी फसल को उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत होती है, लेकिन एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिना मिट्टी के ही केसर की खेती कर रहा है। इतना ही नहीं, केसर की खेती से वह लाखों की कमाई भी कर रहे हैं। जी हां! बिना मिट्टी के केसर की खेती करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर शैलेष मोदक हैं।

केसर की खेती के लिए आमतौर पर कश्मीर को जाना जाता है, लेकिन शैलेष मोदक महाराष्ट्र के पुणे में इसकी खेती कर रहे हैं। बाजार में केसर की कीमत तीन लाख रुपये प्रति किलो के आसपास है। शैलेष को इसकी खेती से लाखों की कमाई हुई है। खास बात है कि शैलेष इसे कंटेनर में उगा रहे हैं। आपको बताते हैं कि शैलेष केसर की खेती के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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शिपिंग कंटेनर में केसर की खेती


सॉफ्टवेयर इंजीनियर से किसान बने पुणे के शैलेष मोदक केसर की खेती के लिए हाईटेक तरीका अपना रहे हैं। वह केसर की खेती के लिए शिपिंग कंटेनर का इस्तेमाल करते हैं। शैलेष बताते हैं कि उन्होंने इसकी खेती के लिए एक बार 10 लाख रुपये निवेश किया था। पहली ही फसल से वो 5 लाख रुपये कमा चुके हैं।

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कश्मीर से लाए बीज

शैलेष केसर के बीज कश्मीर से लाए थे। शैलेश मोदक ने बताया कि हम केसर की खेती शिपिंग कंटेनर में कर रहे हैं। आधे एकड़ खेत में जितनी केसर की खेती होती है, हम उतनी खेती 160 वर्ग फुट में कर रहे हैं। कंटेनर में फसल उगाने के लिए हाईटेक उपकरणों से माहौल बनाया गया।

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फार्मिंग स्टार्ट-अप चला रहे शैलेष मोदक


शैलेश ने कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्होंने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम भी किया है। अब वह 365Dfarms नाम से एक फार्मिंग स्टार्ट-अप चला रहे हैं।

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हाइड्रोपोनिक का किया इस्तेमाल


शैलेष ने बताया कि हमने यहां पर हाइड्रोपोनिक यानी बिना मिट्टी के खेती करने का तकनीक का इस्तेमाल किया। हमने पहले हरी सब्जियों और स्ट्राबेरी का उत्पादन किया जिसमें हमें सफलता मिली, उसके बाद हमने इसकी खेती शुरू की।

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