लखनऊ, NOI :- नगर निगम में वाहनों से भारी मात्रा में डीजल चोरी का मामला सामने आया है। जब इस वितरण की गोपनीय जांच कराई गई तो पता लगा कि बड़ी मात्रा में इसे लेकर घालमेल चल रहा था। इतना ही नहीं निगरानी कराने से हर दिन करीब ढाई हजार लीटर की बचत हुई है। माना जा रहा है कि एक हजार लीटर डीजल फागिंग के वाहनों पर खर्च होने से डेढ़ हजार लीटर डीजल की चोरी हो रही थी।

अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के इस खेल में एक तरफ जहां नगर निगम को हर दिन करीब 1.40 का चूना लाख लगाया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर शहर में कूड़ा नहीं उठ रहा था। मामला सामने आने के बाद नगर निगम के वर्कशाप (जहां से तेल वितरण होता है) के जिम्मेदार जांच के घेरे आ गए हैं। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने नगर निगम में डीजल चोरी की हो रही घटनाओं पर नजर रखने के लिए अलग से टीम लगाई थी। डीजल वितरण में सख्ती की गई तो कुछ दिन में ही खपत कम दिखाई देने लगी, जबकि उतने ही वाहनों को डीजल दिया जाता रहा, जितना पहले दिया जा रहा था।

महीनों से चल रही थी चोरी


नगर आयुक्त ने माना कि तेल की अधिक खपत के बावजूद कूड़ा उठान उस हिसाब से नहीं हो रहा था। डीजल की अधिक खपत दिखाने के मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी। सेंसर मशीन से छेड़छाड़ कर नगर निगम में डीजल चोरी हो रही थी। मार्च से लेकर नवंबर तक यह चोरी होती रही और सेंसर मशीन के साथ हो रही छेड़छाड़ की रिपोर्ट को भी नजरअंदाज किया जा रहा था। 25 नवंबर को गोपनीय सूचना पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त अभय पांडेय और पंकज सिंह के साथ डीजल पेट्रोल पंप पर छापा मारा गया। वहां पर एक पेट्रोल को सील कर दिया गया था और भूतपूर्व सैनिकों को तैनात किया गया था। कुछ नए कर्मचारियों की निगरानी में डीजल का वितरण होने लगा था।

जांच के दौरान एक वीडियो से कर्मचारी राकेश तिवारी और भास्कर सिंह की संलिप्तता भी सामने आई थी, जिन्हें निलंबित कर दिया गया। डीजल चोरी मामले की जांच नगर अभियंता पीके सिंह को दी गई थी। जांच में पता चला कि आरआर विभाग से हर दिन सुबह-शाम को वाहनों को तेल दिया जाता है। डीजल लेने के बाद चालक वाहनों में लगे सेंसर से छेड़छाड़ कर देते हैं और इसकी जानकारी स्मार्ट सिटी में लगे सिस्टम में आ जाती थी, इसका मैसेज भी वर्कशाप से जुड़े अधिकारियों तक पहुंच जाता था, लेकिन हर कोई शांत था। पांच मार्च से लेकर 18 नवंबर तक करीब 85 वाहनों से तेल चोरी सेंसर में छेड़छाड़ की गई थी, जिसमे अक्टूबर नवंबर में तेल चोरी की अधिक घटनाएं शामिल थीं।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement