लगातार बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था, लेकिन बाहरी कारक अब भी कर सकते हैं नुकसान- RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
.jpg)
दिख सकता बाहरी मांग का असर
उन्होंने कहा कि बाहरी क्षेत्र आने वाले दिनों में मंदी के डर सताने लगा है और यह दुनिया के एक बड़े हिस्से में धीमे विकास दर के रूप में देखा जाने लगा है।उन्होंने कहा कि बाहरी मांग का प्रभाव अर्थव्यवस्था को गड़बड़ करेगा। भारत के अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। नियामक और वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा बढ़त देखी जा रही है।
महंगाई पर काबू पाने के लिए की जा रही कोशिश
दास ने कहा कि मुद्रास्फीति पर उन्होंने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच बेहद समन्वित दृष्टिकोण है। डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं हैं और दोनों ग्रोथ अलग-अलग दिखते हैं। उनके मुताबिक, 2 दिसंबर, 2022 तक, कुल संख्या में ऋण वृद्धि 19 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि जमा वृद्धि 17.5 लाख करोड़ रुपये थी।
GDP में गिरावट के आसार
RBI ने FY23 के GDP विकास का अनुमान 7% से घटाकर 6.8% कर दिया गया है। साथ ही, शक्तिकांत दास ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट को 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया, ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके। अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 4.4% कर दिया है, जबकि जनवरी-मार्च 2023 के लिए जीडीपी विकास दर का 4.2% हो कर दी गई है
Leave A Comment
LIVE अपडेट
राज्य
Stay Connected
Get Newsletter
Subscribe to our newsletter to get latest news, popular news and exclusive updates.
0 Comments
No Comments