नई दिल्ली, NOI :- रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए इसके पॉजिटिव ग्रोथ की ओर इशारा किया है। बुधवार को अपने एक बयान में गवर्नर दास ने कहा कि भारत में अंतर्निहित आर्थिक गतिविधियां इस साल मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान होगा। ग्रोथ को ट्रैक करने के लिए आरबीआई 70 तेजी से बढ़ने वाले संकेतकों पर नजर रखे हुए हैं और उनमें से ज्यादातर ग्रीन बॉक्स में पाए गए हैं।
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दिख सकता बाहरी मांग का असर


उन्होंने कहा कि बाहरी क्षेत्र आने वाले दिनों में मंदी के डर सताने लगा है और यह दुनिया के एक बड़े हिस्से में धीमे विकास दर के रूप में देखा जाने लगा है।उन्होंने कहा कि बाहरी मांग का प्रभाव अर्थव्यवस्था को गड़बड़ करेगा। भारत के अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। नियामक और वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा बढ़त देखी जा रही है।

महंगाई पर काबू पाने के लिए की जा रही कोशिश


दास ने कहा कि मुद्रास्फीति पर उन्होंने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच बेहद समन्वित दृष्टिकोण है। डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं हैं और दोनों ग्रोथ अलग-अलग दिखते हैं। उनके मुताबिक, 2 दिसंबर, 2022 तक, कुल संख्या में ऋण वृद्धि 19 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि जमा वृद्धि 17.5 लाख करोड़ रुपये थी।

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GDP में गिरावट के आसार


RBI ने FY23 के GDP विकास का अनुमान 7% से घटाकर 6.8% कर दिया गया है। साथ ही, शक्तिकांत दास ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट को 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया, ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके। अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 4.4% कर दिया है, जबकि जनवरी-मार्च 2023 के लिए जीडीपी विकास दर का 4.2% हो कर दी गई है


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