कानपुर, NOI :- रावतपुर थाना क्षेत्र के केशवपुरम में चार दिन पहले मोबाइल कारोबारी के घर पड़ी डकैती का पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश कर दिया। सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस को यह सफलता हासिल हुई और पुलिस ने वारदात में शामिल छह बदमाशों में से तीन को लूट के माल के साथ गिरफ्तार कर लिया है। 

डकैती के मास्टर माइंड की बुआ पीड़ित के घर के पास ही रहती थी और इसी दौरान रेकी करके उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आयुक्त ने पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की है। 

17 दिसंबर बदमाशों ने डाली थी डकैती


केशवपुरम निवासी मोबाइल कारोबारी कमलेश शर्मा के घर 17 दिसंबर को नकाबपोश बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। बदमाशों ने कमलेश की गैरमौजूदगी में पत्नी व बच्चों को बंधक बनाकर बारह लाख रुपये के जेवर और ढाई लाख रुपये की नकदी लूट ली थी। वारदात के पर्दाफाश में रावतपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच के साथ डीसीपी पश्चिम की एसओजी को लगाया गया था। पुलिस ने घटनास्थल से पनकी तक सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें संदिग्ध बदमाश दिखाई पड़े।

लूटा माल बांटने चले थे, पकड़े गए


डीसीपी पश्चिम विजय ढुल ने बताया कि बदमाशों की गिरफ्तारी की कोशिश के दौरान पता चला कि दलहन रोड पर वैगनआर कार में उक्त बदमाश सवार हैं, जोकि केशवपुरम की घटना में लूटे हुए माल का बंटवारा करने जा रहे हैं। पुलिस ने छापा मारकर कार में बैठे हुए तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। 

वारदात में शामिल थे 6 बदमाश


पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार किए गए बदमाश सागर उर्फ अभिषेक पुत्र बृजेश कुमार व यश ठाकुर उर्फ बाबा पुत्र नीरज सिंह कानपुर देहात के झींझक और टुनटुन नाथ उर्फ पिंटू पुत्र संजयनाथ कानपुर देहात के सरदारपुरवा जोगिनडेरा के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि केशवपुरम की वारदात में उनके तीन और साथी धर्मवीर, सौरभ व अरुण भी थे।

पड़ोसी का रिश्तेदार सागर है मास्टर माइंड 


डीसीपी ने बताया कि सागर की बुआ शीला पत्नी राजेश का घर कमलेश शर्मा के घर के पास है। वह अक्सर बुआ के यहां आया जाया करता था। उसी दौरान उसने रेकी करके कमलेश के घर डकैती की योजना बनाई। बाद में पांच अन्य साथियों को वारदात के लिए तैयार किया। अरुण पुत्र लालूनाथ व धर्मवीर पुत्र मीनानाथ सरदारपुरवा और सौरभ उर्फ नाना पुत्र राजनारायण झींझक का रहने वाला है। सागर ने अपनी वैगनआर कार से बदमाशों को घटनास्थल तक लाया गया। वारदात को अंजाम देने में पांच बदमाश शामिल रहे। कुछ दूर मौजूद रहकर उनके वापसी में उन सभी को उसी कार से बिठाकर वापस ले जाया गया।

घटना से पहले गांव में किया था रिहर्सल


सरगना सागर उर्फ अभिषेक ने वारदात को अंजाम देने से एक दिन पहले 16 दिसंबर को सौरभ, यश, पिंटू, अरुण व धर्मवीर के साथ मिलकर गांव के एक खंडहरनुमा मकान में घटना का रिहर्सल किया था। जिसमें वारदात के दौरान सभी की अलग-अलग जिम्मेदारी को तय किया गया था और उन्हें नाम के स्थान पर नंबर दिए गए थे। 

टोल प्लाजा के कैमरों के जरिए आरोपितों तक पहुंची पुलिस


घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपित अलग-अलग रास्ते से डेढ़ किलोमीटर दूर कार लेकर खड़े सागर के पास पहुंचे थे। यहीं से सभी आरोपित विजय नगर चौराहा से पनकी पहुंचे थे। इसके बाद आरोपित लापता हो गए। जांच में जुटी पुलिस सीसी कैमरों को खंगालते हुए बाराजोड़ टोल प्लाजा पहुंची, जहां आरोपितों की वैगनआर कार 9:47 मिनट पर टोल प्लाजा पार करते हुए दिखी। यहां से कार का नंबर मिल जाने के बाद पुलिस ने कार मालिक व वारदात के मास्टरमाइंड सागर की पहचान कर ली थी।

बड़ा हाथ मार कर व्यापार की थी योजना


सरगना सागर ने सभी आरोपितों को 25 से 30 लाख का माल मिलने का लालच देकर डकैती की योजना बनाई थी। आरोपित इस रकम से अलग-अलग व्यापार कर गांव में अपनी हनक बनाना चाहते थे। लेकिन उम्मीद से कम मिले माल को बेचने से पहले ही पुलिस ने आरोपितों को पकड़ लिया। 

यह हुई बरामदगी


पुलिस ने आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त वैगनार कार के अलावा लूटे गए पीली धातु के एक जोड़ी कान के टाप्स, एक नोजपिन, पांच जोड़ी चांदी के पायल, चार जोड़ी बिछुवा, एक चांदी का सिक्का, पांच चांदी के बिस्किट, एक कमर गुच्छा, बच्चों के चार कंगन, एक नारियल काटने वाला चापड़ और तीन मोबाइल बरामद किए हैं।

पर्दाफाश में लगी पुलिस टीम


थानाध्यक्ष रावतपुर संजय कुमार शुक्ला, उपनिरीक्षक शिवप्रताप सिंह, उपनिरीक्षक अभिषेक चन्दन, उपनिरीक्षक अनिल कुमार, उपनिरीक्षक सचिन भाटी, उपनिरीक्षक दीपक तिवारी, उपनिरीक्षक करुणाशंकर मिश्रा, उपनिरीक्षक संदीप कुमार तितोरिया, उपनिरीक्षक महेन्द्र सिंह, उपनिरीक्षक राहुल कुमार आदि पुलिसकर्मी शामिल रहे।

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