नई दिल्ली, NOI :-  PM Garib Kalyan Anna Yojana 2023: गरीब लोगों को आसानी से अनाज मिल सके, इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत कोरोना काल में की थी। इसके तहत करोड़ों गरीब या जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में 5 किलो गेंहू हर साल दिया जाता है।

हालांकि, यह योजना केवल इसी साल दिसंबर तक के लिए बढ़ाई गई थी और इस बात को लेकर अनुमान लगाए जा रहे थे कि सरकार इस योजना को आगे बढ़ा सकती है। अब इसपर अपडेट आ गया है। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर के बाद गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने वाले इस स्कीम के विस्तार पर विचार कर सकते हैं।

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बैठक में लिया जा सकता है फैसला


करंदलाजे ने बताया कि अगर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बढ़ाया जाता है, तो निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाएगा। बता दें कि शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक होनी है और उम्मीद है कि बैठक में इस पर चर्चा की जा सकती है

हाल में बढ़ाई गई है योजना


जानकारी के लिए आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही इस योजना को सितंबर 2022 से बढ़ाकर दिसंबर तक कर दिया गया है। अब तक इस मुफ्त अनाज स्कीम के छह चरण लाए जा चुके हैं। इसमें नवंबर 2020, मई- जून 2021, जुलाई- नवंबर 2021, दिसंबर- मार्च 2022 और मार्च-सितंबर 2022 चरण शामिल हैं।

वहीं, उम्मीद है कि सरकार इसे मार्च, 2023 तक बढ़ा सकती है। कुछ जानकारों का कहना है कि सरकार गरीब कल्याण अन्न योजना को आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 तक जारी रख सकती है।

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सरकार के पास पर्याप्त है अनाज- कृषि राज्य मंत्री


कृषि राज्य मंत्री करंदलाजे ने कहा, ''कोविड-19 के मामले लगातार आ रहे हैं। फिलहाल, यह योजना दिसंबर तक है और इसके बाद इसे बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री लेंगे।''

उन्होंने आगे कहा कि पिछले 28 महीनों में सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है।

इतने गेंहू की होगी आवश्यकता


मंत्री के मुताबिक, 15 दिसंबर तक केंद्रीय के पास करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध था, जबकि 1 जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध होगा। गौरतलब है कि जनवरी 2023 को करीब 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल की आवश्यकता थी और सरकार इससे ज्यादा भंडारण का दावा कर रही है।


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