लखनऊ, NOI :- लोक सेवा आयोग की ओर से देर शाम भारतीय सांख्यिकी सेवा के परिणाम जारी किए गए। इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अस्तित्व रंजन श्रीवास्तव ने देश में पहली रैंक हासिल की है। वहीं, लखनऊ के आलमबाग निवासी एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हर्षा चढ्ढा ने देश में 11वीं रैंक हासिल की।

गोंडा के विष्णुपुरी कालोनी के रहने वाले अस्तित्व रंजन श्रीवास्तव ने गोंडा से 92.2 फीसद अंकों के साथ 12वीं की पढ़ाई की। उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से 2018 में बीएससी (गणित, सांख्यिकी) से किया। चार गोल्ड मेडल भी हासिल किए। इसमें गणित में सर्वाधिक अंकों के लिए दो गोल्ड और दो गोल्ड बीएससी में टाप करने के लिए मिले।

अस्तित्व बताते हैं कि हास्टल के लाल बहादुर शास्त्री और हबीबुल्लाह हास्टल में रहकर पढ़ाई की। 2020 में बीएचयू से एमएससी किया। फिर एक साल ब्रेक लेकर तैयारी की। भारतीय रिजर्व बैंक जुलाई 2022 में आफ इंडिया (आरबीआइ) में ग्रेड बी-आफीसर्स के लिए परीक्षा दी। चयन हो गया। लेकिन ज्वाइन न करके भारतीय सांख्यिकी सेवा के लिए जून में लिखित परीक्षा दी। 19 दिसंबर को साक्षात्कार दिया।

उम्मीद नहीं थी कि पहली रैंक आएगी


अस्तित्व बताते हें कि तीसरी बाद में मेरा चयन हुआ है। दोस्तों ने चयनित होने की सूचना दी। मुझे उम्मीद नहीं थी देश में पहली रैंक आ जाएगी। हां, इतना तय था कि चयन हो जाएगा। दिल्ली में रिसर्च कर रहीं बड़ी बहन स्तुति श्रीवास्तव ने इस क्षेत्र में तैयारी के लिए प्रेरित किया। वह बताते हैं कि 12वीं के बाद समझ नहीं आ रहा था क्या किया जाए। गणित में रुचि थी तो बीएससी किया। थ्री डी फार्मूला सफलता का मूल मंत्र : सफलता के लिए अस्तित्व बताते हैं कि थ्री डी फार्मूला सफलता का मूल मंत्र है। थ्री डी यानी डिसीजन, डिवोशन, डिसिप्लिन। एक घंटे ही पढ़िए, लेकिन मन लगाकर। जनरल स्टडीज के पेपर पर ध्यान देना जरूरी है। स्कोर करने के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए। मन से काम करिए। बहुत सोता था। पढ़ता हूं तो फोकस। एक घंटे पढ़े मन लगाकर। जनरल स्टडीज के पेपर पर ध्यान देना होगा। स्कोर करने के हिसाब से तैयारी करें।

हर्षा चढ्ढा 12वीं में भी पाई थी यूपी बोर्ड में 10वीं रैंक


भारतीय सांख्यिकी सेवा में 11वीं रैंक हासिल करने वाली आलमबाग के राम नगर निवासी हर्षा चढ्ढा को 12वीं यूपी बोर्ड में 10वीं रैंक मिली थी। 10वीं में वह स्कूल टापर रहीं। वह बताती हैं कि 2017 में नवयुग कालेज से बीएससी करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में 2019 में एमएससी सांख्यिकी से किया। उसके बाद आइएसएस की तैयारी की। गाइडेंस के लिए कोचिंग की। 2020 में पहली बार आइएसएस की परीक्षा थी। लेकिन कोविड हो गया था। इंटरव्यू दे दिया, कुछ कमी रह गई।

अब फिर से तैयार कर परीक्षा दी तो देश में 11वीं रैंक मिली। मम्मी सुचित्रा चढ्ढा गृहणी हैं। पापा धीरज प्रकाश चढ्ढा की गिफ्ट की दुकान हैं। बड़े भाई एचसीएल में है। हर्षा बताती हैं कि पापा कहते थे कि आइएएस बनो। जब मैं कालेज गई और बीएससी सांख्यिकी विषय लिया तो पता चला कि आइएसएस सेवा भी होती है। सफलता के लिए जरूरी है कि न्यूज पेपर रोज पढ़ें। मैंने भी यही किया। पहली बार में जो कमियां रह गईं, उसे दूर किया। तनाव न लेकर अपनी तैयारी पर फोकस किया।

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