कानपुर, NOI :- जिले में शत्रु संपत्तियों को लेकर काफी लंबे समय से जद्दोजहद चल रही है। इसी बीच वर्तमान में 22 शत्रु संपत्तियां मिली हैं। इनमें पाक नागरिक शाहिद हलीम की 13 संपत्तियों को वर्ष 2008 में शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था जबकि वर्ष 2018 में पाक नागरिक एस हुमायुं नजर की चार, तजम्मल हुसैन की ग्वालटोली स्थित तीन और घाटमपुर में नवाब पुत्र पीरा की दो संपत्तियां शत्रु घोषित की जा चुकी हैं। अब इन संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस चस्पा कराए गए हैं। हालांकि हैरत की बात है कि शत्रु संपत्ति अभिरक्षक भारत सरकार की सूची में ये संपत्तियां शामिल ही नहीं हैं। बता दें शत्रु संपत्ति अभिरक्षक गृह मंत्रालय भारत सरकार की अधिकारिक साइट पर संपत्तियों की संख्या छह दर्ज है।

क्या होती है शत्रु संपत्ति?


आपकी जानकारी के लिए बता दें जो लोग देश के विभाजन के समय या फिर 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के बाद चीन या पाकिस्तान जाकर बस गए और उन्होंने वहां की नागरिकता ले ली हो, भारत के रक्षा अधिनियम, 1962 के तहत सरकार उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर सकती है। ऐसी संपत्ति के लिये अभिरक्षक या संरक्षक (कस्टोडियन) नियुक्त कर सकती है। अतः देश छोड़कर जाने वाले ऐसे लोगों की भारत में मौजूद संपत्ति ‘शत्रु संपत्ति’ कहलाती है।

3 मई 2001 को निष्क्रांत हुई थीं शाहिद हलीम की संपत्तियां


पाक नागरिक शाहिद हलीम की 13 संपत्तियों को 13 मई 2001 को तत्कालीन जिलाधिकारी बीएस भुल्लर ने निष्क्रांत (राज्य सरकार के पक्ष में) संपत्ति घोषित किया था। वर्ष 2005 में निष्क्रांत संपत्ति का कानून रिपील यानी रद्द कर दिया गया था। इसके बाद उक्त संपत्तियां शत्रु में शामिल हो गईं। 16 जून 2008 को शत्रु संपत्ति अभिरक्षक मुंबई ने इन संपत्तियों को शत्रु घोषित किया था जिसके बाद 11 अगस्त 2017 को तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने भी इन संपत्तियों को शत्रु घोषित करते हुए खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी।

पाक नागरिक नवाब पुत्र पीरा की संपत्तियां


घाटमपुर के भदरस गांव में नवाब के नाम पर दो जगह जमीनें हैं। गाटा संख्या 1350 में पांच बिस्वा की जमीन तनहा उनके नाम पर दर्ज है जबकि गाटा संख्या 1345 में वह सहखातेदार हैं। इस गाटा में एक बीघा एक बिस्वा जमीन है जिसमें नवाब के साथ ही 32 सह खातेदार हैं। दोनों गाटा संख्या में दर्ज जमीनों पर कब्रिस्तान का संचालन हो रहा है।

72 साल में 77 बार खरीदी बेची गईं


शाहिद हलीम की संपत्तियों की सूचना ईडी को भी भेजी गई है। इसके मुताबिक शाहिद की संपत्तियों पर रोक के बाद 15 बार खरीद-फरोख्त हुई जबकि पिछले 72 वर्षों में वर्ष 1950 के बाद उनकी संपत्तियां 77 बार बेची और खरीदी गईं।

ये घोषित हुई थीं निष्क्रांत


13/389 परमट, 13/390 परमट, 91/146 हीरामन का पुरवा, 116/630 गार्डन, 90/92 दलेल पुरवा, 91/71 दलेल पुरवा, 41/39 नई सड़क, 41/125 नई सड़क, 93/124 अनवरगंज, 93/110 अनवरगंज, 7/190 बशीर बाग स्वरूप नगर, 7/189 एबीसी स्वरूप नगर, 100/406 कंघी मोहाल

इन संपत्तियों को घोषित किया जा चुका शत्रु


हुमायूं नजर की चार संपत्तियां


89/75 पायनियर टेनरीज जाजमऊ

90/76 पायनियर टेनरीज रिहायशी परिसर

602 गोकुल अपार्टमेंट

92/140 हीरामन का पुरवा पायनियर टेनरी का कार्यालय

तज्जमल हुसैन की तीन संपत्तियां


11/154 ग्वालटोली

11/157 ग्वालटोली

11/158 ग्वालटोली

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