बोरियो/दुमका, NOI :- पुराना शिवालय पोखर के किनारे शनिवार को मिली महिला की खोपड़ी को जांच के लिए मंगलवार को पुलिस ने फूलो झानो मेडिकल कालेज दुमका भेजा। बोरियो से एएसआइ बीरबल यादव के नेतृत्व में खोपड़ी को दुमका भेजा गया। पीजेएमसीएच दुमका में अस्पताल के तीन डाक्टरों ने दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कर डीएनए के लिए खोपड़ी का नमूना लिया। अब इस नमूने का रुबिका के माता-पिता के नमूने से मिलान किया जाएगा। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि यह खोपड़ी रुबिका पहाड़िया की है या नहीं।

पोस्‍टमार्टम हाउस में रखी गई खोपड़ी


दोपहर करीब 12 बजे बोरियो थाना के सहायक अवर निरीक्षक बीरबल यादव एक प्लास्टिक के बैग में खोपड़ी लेकर दुमका आए और पोस्टमार्टम हाउस में रख दिया। अस्पताल प्रबंधन ने डाक्टर सुनील कुमार, कुणाल कुमार और डाक्टर गौतम को मिलाकर मेडिकल बोर्ड का गठन किया। कार्यपालक पदाधिकारी चंद्रजीत यादव के आने के बाद डाक्टरों ने थैले को खोलकर देखा और फिर कुछ हिस्से से डीएनए के लिए नमूना लिया। करीब आधे घंटे तक डाक्टरों ने खोपड़ी की जांच की।

खोपड़ी के सैंपल का रूबिका के माता-पिता के डीएनए से होगा मिला


अस्पताल सूत्रों के अनुसार, खोपड़ी से जो नमूना लिया गया है, उसका रुबिका के माता-पिता के डीएनए के नमूने से मिलान किया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि खोपड़ी रुबिका की है कि नहीं।

16 दिसंबर को हुई थी रूबिका की दर्दनाक मौत


मालूम हो कि 16 दिसंबर को रुबिका पहाड़िया की हत्या गला दबाकर कर दी गयी थी। साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया गया था। पुलिस ने 18 टुकड़े बरामद किए थे। सिर नहीं मिल पाया था। बोरियो थाने की पुलिस के अनुसार, तीन दिन पहले घर से करीब दो सौ मीटर दूर तालाब में मछली मार रहे कुछ युवकों को यह खोपड़ी मिली थी।

हत्‍या का मुख्‍य आरोपी अब भी फरार


खोपड़ी में एक बाली भी फंसी हुई थी। गौरतलब है कि रुबिका हत्याकांड में अब तक उसके पति दिलदार अंसारी समेत 10 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। मुख्य आरोपित दिलदार का मामा मैनुल अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

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