गोरखपुर, NOI :- एम्स को सरकार ने लगभग सभी संसाधन उपलब्ध करा दिया है लेकिन, इसका लाभ रोगियों को नहीं मिल पा रहा है। मजबूरी में उन्हें बाहर जाकर महंगी दर पर जांच करानी पड़ रही है। एम्स खुलने के लगभग चार साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से रोगी वंचित हैं। आज भी यूरो, नेफ्रो, हार्ट व न्यूरो के रोगियों को रेफर करना पड़ रहा है। न तो डायलिसिस शुरू हो पाई और न ही सीटी स्कैन व एमआरआइ जांचें। जबकि इनकी मशीनें रखी हुई हैं।

सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच के लिए भटक रहे मरीज


सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच की मशीनें दो साल से आकर रखी हुई हैं। दिसंबर 2020 में ही इनका ट्रायल हो चुका है लेकिन, आज तक इन्हें चलाने वाले नहीं मिले। बिहार, नेपाल व पूर्वी उत्तर प्रदेश के अनेक जनपदों से मरीज इस आशा में आते हैं कि एम्स में सस्ते में जांच व उपचार हो जाएगा। लेकिन, उन्हें इन दोनों जांचों के लिए निराश होना पड़ता है।

डायलिसिस यूनिट तैयार पर नहीं हुई शुरुआत


डायलिसिस यूनिट बनकर तैयार है। पांच मशीनें भी आ गई हैं। लेकिन, डायलिसिस नहीं शुरू हो पाई। 14 आइसीयू बनकर तैयार हैं पर संचालन नहीं हो पा रहा है। डॉक्टरों की कमी के चलते रोगियों को ये सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। एम्स में फरवरी 2019 में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) शुरू हुआ। बीते साल आंतरिक रोगी विभाग (आइपीडी) व इमरजेंसी सेवा भी शुरू कर दी गई लेकिन आज भी गंभीर रोगियों का उपचार नहीं हो पा रहा है। उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया जा रहा है।

शुरू नहीं हो पाया पूरा अस्पताल


एम्स में 750 बेड का अस्पताल बनकर तैयार है लेकिन डाक्टरों व कर्मियों की कमी की वजह से अभी पूरा अस्पताल शुरू नहीं हो पाया है। केवल 480 बेड का अस्पताल ही संचालित किया जा रहा है।

हो रही कीमोथेरेपी व जनरल सर्जरी


एम्स के कैंसर रोग विभाग में कीमोथेरेपी शुरू होने से रोगियों को थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन आंको सर्जन न होने से कैंसर की सर्जरी नहीं हो पा रही है। पिछले दिनों स्तन कैंसर का आपरेशन हुआ था, जिसे जनरल सर्जनों ने किया था। आइसीयू संचालित न होने से जनरल सर्जरी में भी सामान्य आपरेशन ही हो पा रहे हैं।

क्या कहते हैं मीडिया प्रभारी


एम्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच के लिए हिंद लैब से अनुबंध हो चुका है। शीघ्र ही ये जांचें शुरू हो जाएंगी। इसी लैब से आइसीयू व डायलिसिस यूनिट भी संचालित करने के लिए बात की जा रही है। शीघ्र ही रोगियों को सभी सुविधाएं एम्स के अंदर ही प्रदान की जाएंगी। डाक्टरों का साक्षात्कार चल रहा है। हाल के दिनों में लगभग 20 डाक्टर चयनित किए गए हैं। लगभग 80 डॉक्टर रोगियों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शीघ्र ही निश्तेचकों, न्यूरो, नेफ्रो, हार्ट व यूरो के डॉक्टरों की भी तैनाती कर ली जाएगी।

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