UP: सीकेडी में मैग्नीशियम का स्तर घटने से हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, 58 मरीजों की दो वर्ष तक हुई जांच
कानपुर, NOI :- क्रोनिक किडनी डिजीज यानी सीकेडी में मैग्नीशियम का स्तर कम होने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह मैग्नीशियम का स्तर कम होने से आर्टरी में फैट और कैल्शियम जमने से हार्ट और ब्रेन समेत अन्य अंगों में रक्त की आपूर्ति प्रभावित होना है।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि ने किया शोध
- यह अहम जानकारी जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग में सीकेडी के मरीजों में मैग्नीशियम के स्तर से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के संबंध पर दो वर्ष के रिसर्च में सामने आई है।
- डायलिसिस कराने वाले सीकेडी के मरीजों के सीरम मैग्नीशियम लेवल की जांच कराई गई तो कम पाया गया, जब उन्हें अलग से मैग्नीशियम दिया गया तो आर्टरी के अंदर जमा फैट व कैल्शियम की परत कम होने लगी।
- इसके आधार पर सीकेडी में सीरम मैग्नीशियम लेवल की जांच कराने की सलाह दी है। मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में बड़ी संख्या के क्रानिक किडनी डिजीज के मरीज इलाज के लिए आते हैं।
- सीकेडी के इन मरीजों की डायलिसिस करानी पड़ती है। इस दौरान उन्हें दूसरी जटिलताएं भी होने लगती हैं, जिसमें हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक प्रमुख हैं।
- इन समस्याओं को देखते हुए डायलिसिस कराने वाले मरीजों का मैग्नीशियम सिरम लेवल कराया तो काफी कम पाया गया।
- इसे गंभीरता से लेते हुए मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि ने वर्ष 2020 में रिसर्च के लिए एथिक्स कमेटी में शोध प्रस्ताव की अनुमति हासिल की।
- उसके बाद नवंबर 2020 में रिसर्च शुरू किया।रिसर्च में शामिल किए सीकेडी के 58 मरीजरिसर्च के लिए मेडिसिन विभाग की यूनिट में डायलिसिस कराने वाले सीकेडी के 58 मरीज चिन्हित किए गए।
- उसमें से 37 पुरुष एवं 21 महिलाएं शामिल की गईं। इनका मैग्नीशियम सिरम लेवल काफी कम पाया गया। इस वजह से उनका कोलेस्ट्राल और कैल्शियम का लेवल काफी बढ़ा गया था।
- इस वजह से उनके हार्ट और ब्रेन में खून की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही थी। अल्ट्रासाउंड कराकर देखी धमनी की स्थिति रिसर्च के दौरान जांच में जिन मरीजों का कोलेस्ट्राल और कैल्शियम का लेवल काफी बढ़ा था।
- उन सभी की अल्ट्रासाउंड जांच करके कोरोटेड आर्टरी की स्थिति भी देखी गई। इसमें 28 पुरुष और 14 महिलाओं की केरोटेड आर्टरी में एथ्रोस्कोलोरेसिस यानी फैट और कल्शियम का जमाव अधिक पाया गया।
- इसके अलावा दूसरी आर्टरी में फैट और कैल्शियम का जमाव पाया गया। इस वजह से हार्ट और ब्रेन की खून की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी।
मैग्नीशियम की डोज देने से फैट व कैल्शियम का जमाव घटा
जब इन मरीजों को मैग्नीशियम की ओरल डोज की गई। इसका फायदा भी मरीजों में दिखने लगा। उनकी केरोटेड आर्टरी में फैट और कैल्शियम का जमाव तेजी से घटने लगा। उनकी केरोटेड आर्टरी और दूसरी आर्टरी में खून का बहाव भी बेहतर होने लगा। इस वजह से मरीजों की स्थिति में सुधार होने लगा।
डायलिसिस कराने वाले सीकेडी के मरीजों में मैग्नीशियम की कमी आंतों से अवशोषण कम होने से होती है। इस वजह से विटामिन डी की भी कमी हो जाती है। ऐसे में जब डायलिसिस कराने वाले सीकेडी के मरीजों को मैग्नीशियम सप्लीमेंट दिया गया तो उनकी केरोटेड आर्टरी अंदर से जमाव कम होने पर सामान्य होने लगी। इसलिए सीकेडी के मरीजों का मैग्नीशियम सिरम लेवल जरूर कराना चाहिए।
प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य और मेडिसिन विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
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