तेजी से कदम बढ़ाती 5-जी तकनीक; उद्योगों के लिए स्किल्ड मैनपावर की चुनौती, देश में ट्रेनिंग लैब खोलने की तैयारी
कौशल विकास की जरूरतों पर जोर
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल की कई शाखाएं हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में कौशल विकास की जरूरत और संभाावनाओं को परखकर उस दिशा में काम करते हैं। इनमें टेलीकाम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) ने आकलन किया है कि निकट भविष्य में क्लाउड कम्प्यूटिंग, नेटवर्क फंक्शन वर्चुअलाइजेशन, साफ्टवेयर डिफाइन्ड नेटवर्किंग, एप्लीकेशन नेटवर्क, क्लाउड सिक्योरिटी एंड ब्लाकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स आदि में 5-जी तकनीक में कुशल युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं होंगी।
कई क्षेत्रों में 5-जी तकनीक से होगी क्रांती
विशेषज्ञों का मानना है कि आटोमाबाइल, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और शिक्षा क्षेत्र भी आने वाले समय में तेजी से 5-जी तकनीक को अपनाएगा। इस तरह पूरी तरह 5-जी तकनीक का लाभ उठाने के लिए 2025 तक देश में 2.2 करोड़ स्किल्ड मैनपावर की जरूरत होगी। चूंकि, इस समय डिमांड और सप्लाई में 28 प्रतिशत की कमी का आकलन है, इसलिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने इस तकनीक में स्किल डेवलपमेंट पर भी काम तेज कर दिया है। टेलीकाम सेक्टर स्किल काउंसिल ने आइआइटी हैदराबाद के साथ मिलकर युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि देशभर में 50 ट्रेनिंग लैब खोलने की तैयारी है।
एक-डेढ़ लाख युवाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
चूंकि 1.4 लाख प्रशिक्षित कर्मचारियों की तत्काल जरूरत सामने आई है, इसलिए एक-डेढ़ लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में भी यह प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही राज्य सरकारों से भी कहा जा रहा है कि वह संबंधित उद्योगों के साथ मिलकर 5-जी तकनीक में स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दें। 5-जी तकनीक की गति का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि एविएशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स टास्क फोर्स ने भी पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि 2023 में ही विश्व भर में 42.5 प्रतिशत स्मार्टफोन 5-जी तकनीक से लैस हो जाने का अनुमान है।
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