नई दिल्ली, NOI :- Jahangirpuri Terrorist Arrest Case : दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से 12 जनवरी को पकड़े गए दो संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी नौशाद अली पाकिस्तान के हैंडलर्स अशफाक और सुहेल के संपर्क में था, जो लश्कर के आतंकवादी हैं। सुहेल ने पंजाब में बड़े नेताओं को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। नौशाद विभिन्न जेलों में रहने के दौरान पाकिस्तान के आतंकियों से मिला था।

दो बार की थी पाकिस्तान जाने की कोशिश


पूछताछ में आतंकी नौशाद अली ने दिल्ली पुलिस को बताया कि उसे अपने पाकिस्तानी आकाओं से निर्देश मिले थे और उसने दो बार नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जाने की कोशिश की थी, लेकिन वह इसमें नाकाम रहा।

बता दें कि नौशाद अली और उसके सहयोगी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को पिछले गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। वे हरकत-उल अंसार संगठन और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के संपर्क में थे, जिसे भारत में एक आतंकी संगठन माना जाता है।

सूत्रों के मुताबिक, स्पेशल सेल की पूछताछ में नौशाद ने खुलासा किया कि उसे लगातार पाकिस्तानी हैंडलर्स असफाक और सुहैल से निर्देश मिल रहे थे। नौशाद का पाकिस्तानी आतंकी असफाक उर्फ आरिफ से लगातार संपर्क में था। अशफाक उर्फ आरिफ आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का प्रमुख सदस्य है।

आतंकी संगठन लश्कर का सदस्य है सुहेल


समाचार एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक, आरिफ ने ही नौशाद को एक अन्य पाकिस्तानी आतंकी सुहैल से मिलवाया था। सुहेल आतंकी संगठन लश्कर का भी सदस्य है, जो वर्तमान में पाकिस्तान से संचालित हो रहा है। सुहेल ने पंजाब के कुछ बड़े नेताओं को निशाना बनाने की योजना तैयार की थी। नौशाद ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि जब वो जेल में था, तब उसकी मुलाकात आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार से जुड़े नदीम से हुई थी।

हत्या के आरोप में जेल में बंद था नौशाद


जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद नदीम ने जिहाद के लिए मिलकर काम करने के लिए नौशाद को हरकत-उल-अंसार संगठन में शामिल कर लिया था। हत्या के आरोप में जेल में बंद नौशाद 2018 में जेल से छूटा था, तभी से वह पाकिस्तानी आतंकी सुहेल के इशारे पर काम करने लगा था।

नेपाल जाकर खोज रहा था पाकिस्तान जाने का रास्ता


नौशाद वर्ष 2019 में दो बार नेपाल भी गया था ताकि नेपाल से पाकिस्तान जाने का रास्ता खोज सके। लेकिन जिस नेपाली अधिकारी के जरिए वह अपना नेपाली पासपोर्ट बनवा रहा था, उसे रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। नौशाद करीब 27 साल तक भारत की अलग-अलग जेलों में बंद रहा और उस दौरान वह पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के आतंकियों से मिलता रहा, जिसके बाद वह उनके लिए काम करने लगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए दो आतंकी कम से कम चार अन्य व्यक्तियों के संपर्क में थे, जिनके पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हरकत-उल अंसार और हिजबुल मुजाहिदीन से संबंध हैं। गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले हुए इस खुलासे के बाद दिल्ली में आयोजन को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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