नई दिल्ली, NOI: बिजनेस डेस्क। अमेरिका स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank (SVB)) डूब गया है। बैंक की जमा को अमेरिकी रेगुलेटर ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। इस कारण दुनिया के शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली थी और भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा था। अब इसके बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि इसका भारत पर क्या असर होगा।
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कैसे फेल हुआ सिलिकॉन वैली बैंक?


सिलिकॉन वैली बैंक का काम दुनिया की स्टार्टअप कंपनियों को फंड करने का था। साथ ही बैंक ने अपना अधिकतर निवेश यूएस बॉन्ड्स में किया था। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के कारण बॉन्ड्स की वैल्यू कम हो गई।

दूसरी तरफ महंगाई बढ़ने और अन्य कारणों से स्टार्टअप की फंडिंग में कमी आने लगी और इस कारण बैंक में जमा राशि की बड़ी मात्रा में ग्राहक निकासी करने लगे। बैंक को सभी ग्राहकों को भुगतान करने के लिए अपने बॉन्ड्स को नुकसान में बेचना पड़ा। बैंक ने बताया कि इस वजह से उसे करीब दो अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

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2008 के बाद अमेरिका का सबसे बड़ा बैंकिंग क्राइसिस


संपत्ति के हिसाब सिलिकॉन वैली बैंक 2008 के बाद अमेरिका का सबसे बड़ा बैंक फेल माना जा रहा है। इस बैंक की संपत्ति करीब 209 अरब डॉलर थी। इससे पहले 25 सितंबर, 2008 को अमेरिकी बैंक वाशिंगटन म्यूचुअल फेल हो गया था। इसकी संपत्ति करीब 307 अरब डॉलर की थी। अमेरिका में सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्राइसिस लेहमन ब्रदर्स को माना जात है, लेकिन वो बैंक नहीं था।

सिलिकॉन वैली बैंक के फेल होने का भारत पर असर?


आज के समय में दुनिया के सभी देशों की अर्थव्यवस्था एक दूसरे से जुड़ी हुई है। ऐसे में किसी देश के बैंक के फेल होने का असर दूसरे देशों पर दिखना स्वभाविक है। जहां तक बात की जाए भारतीय अर्थव्यवस्था की तो यह खपत पर निर्भर करती है। SVB के फेल होने का प्रभाव पश्चिमी देशों के मुकाबले काफी कम हो सकता है। क्योंकि SVB स्टार्टअप कंपनियों से जुड़ा था। इस कारण कुछ प्रभाव देश की स्टार्टअप कंपनियों पर हो सकता है।

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