Ahmedabad: जज साहब...पति से छुड़ाकर गर्लफ्रेंड मुझे दिलाइए, कोर्ट में गिड़गिड़ाया प्रेमी; लगा जुर्माना
मांगी गर्लफ्रेंड की कस्टडी
यह मामला बनासकांठा जिले में रहने वाले एक शख्स का है। इसने हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस पीटिशन दाखिल की थी। उसने मांग की थी कि उसकी गर्लफ्रेंड को उसके पति से छुड़ाकर इसे सौंप दिया जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसकी गर्लफ्रेंड की शादी जबरदस्ती की गई है और वो अपनी मर्जी के बिना अपने पति के साथ रह रही है। यहां तक कि शादी के बाद वो अपने पति को छोड़कर इसके पास रहने भी आ गई थी।
लिव-इन-रिलेशनशिप एग्रीमेंट को बनाया आधार
याचिकाकर्ता ने कहा कि वो अपनी प्रेमिका के साथ रह रहा था और दोनों के बीच लिव-इन-रिलेशनशिप का एग्रीमेंट भी हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद उसकी प्रेमिका ससुराल वाले और परिजन आए और फिर उसे अपने साथ लेकर चले गए। याचिकाकर्ता ने याचिका में लिखा कि उसकी प्रेमिका और पति का अवैध रिश्ता है, इसलिए प्रेमिका इसे सौंप दी जाए। याचिकाकर्ता ने लिव-इन-रिलेशनशिप एग्रीमेंट को कोर्ट में पेश किया, जिसमें महिला ने याचिकाकर्ता शख्स के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की थी।
राज्य सरकार के वकील ने किया विरोध
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने इस मांग का विरोध किया और कहा कि उसे ऐसी कोई याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता है कि जिसे याचिकाकर्ता अपनी गर्लफ्रेंड बता रहा वह किसी प्रकार अवैध कस्टडी में हैं।
कोर्ट ने लगाया पांच हजार का जुर्माना
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस वी एम पंचोली और जस्टिस एम एम प्रच्चक ने कहा कि महिला ने न ही तलाक लिया है और न ही कोई दूसरी शादी की है तो ऐसे में महिला के पति के साथ होने को अवैध कस्टडी नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने कस्टडी मांगने व्यक्ति को 5000 रुपये स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी में जमा करने का निर्देश दिया।
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