कानपुर,NOI: जासं। नोएडा के डा. सिद्धार्थ चौधरी की पिटाई के मामले में घिरे करौली बाबा के लिए इंटरनेट मीडिया में प्रचलित घटना से संबंधित तीन वीडियो अहम साक्ष्य साबित हो सकते हैं। एक वीडियो में बाबा और डाक्टर की बातचीत है, जिसमें चमत्कार दिखाने की बातचीत है। दूसरा वीडियो आश्रम के अंदर का है। इसमें बाबा माइक पर बोल रहे हैं ‘हटाओ पागल को यहां से’।

पुल‍िस को म‍िले वीड‍ियो में डाक्‍टर के स‍िर पर गंभीर चोट


आरोप है कि इसके बाद सेवादारों ने डाक्टर से मारपीट की। वहीं, तीसरा वीडियो डाक्टर के सिर पर गंभीर चोट का है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि प्रचलित वीडियो के आधार पर बाबा और उनके सेवादारों के खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दाखिल हो सकती है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाबा के खिलाफ धारा 323 (मारपीट), धारा 504 (जान से मारने की धमकी देना) और धारा 325 (अंग-भंग करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

बाबा का पुराना इत‍िहास खंगालने में जुटी पुल‍िस, सपा शासन काल में लगी थी रासुका


इसके साथ ही पुलिस अब बाबा का पुराना इतिहास भी खंगाल रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि बाबा पर लगी जो रासुका खत्म की गई है, उसका आधार क्या है। पुलिस का मानना है कि तीनों वीडियो और पुराना आपराधिक इतिहास कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार है। जल्द ही बाबा और सेवादारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो सकती है। इसके चलते बुधवार शाम को ही बाबा ने अपने परिवार को कहीं और भेज दिया है। वहीं, बाबा ने अपने बचाव में कहा कि उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की जो कार्रवाई हुई थी वह समाजवादी पार्टी के शासनकाल में पुलिस ने की थी। यह कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध है।

मीडिया कर्मियों को प्रवेश लेने से पहले भरना होगा फार्म


इंटरनेट मीडिया पर दो पन्ने का एक फार्म प्रचलित हो रहा है, जो मीडिया कर्मियों के लिए है। फार्म पर बाबा के आश्रम का नाम लिखा है। इसमें नाम, पिता का नाम, पता, जन्मतिथि, संस्थान का नाम, उसका सर्कुलेशन, डीएवीपी, कैमरा माडल समेत विभिन्न जानकारियां देनी होंगी। हालांकि इस फार्म के बारे में पूछने पर बाबा का कहना है कि किसी ने फर्जी फार्म तैयार करके प्रचलित किया है।

बाबा का हास्यास्पद दावा


गुरुवार को आश्रम में मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान बाबा ने डेढ़ साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को रोक देने का दावा किया। मीडिया कर्मियों ने उनसे अब तक युद्ध न रोकने को लेकर सवाल किया गया तो जवाब दिया कि इसके लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को उनके आश्रम आना होगा। दोनों की पुरानी स्मृतियां निकालकर उनमें नई स्मृतियां डालनी होंगी, उसके बाद विवाद खत्म हो जाएगा।

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