कोलकाता, NOI : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। ममता ने हाईकोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। दरअसल, हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।

कांग्रेस नेता भी पहुंचे कोर्ट

बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस ने भी अदालत का रुख किया है। कांग्रेस नेता अबू हसीम खान चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है।

क्या है कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश?

हाईकोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि पंचायत चुनाव के लिए अब सिर्फ सात जिलों के संवेदनशील इलाकों में नहीं, बल्कि पूरे बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगले 48 घंटों के अंदर केंद्रीय बलों के लिए केंद्र के पास आवेदन करने को कहा है।

पहले सात जिलों के लिए दिया था आदेश

इससे पहले अदालत ने गत मंगलवार को दिए गए आदेश में बंगाल के सिर्फ सात जिलों उत्तर व दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, वीरभूम, मुर्शिदाबाद व जलपाईगुड़ी के संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती करने को कहा था। गुरुवार को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने आयोग के अधिवक्ता से पूछा कि क्या उनके पिछले आदेश का अनुपालन किया गया है? इसपर उन्हें सूचित किया गया कि संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया जा रहा है। यह सुनकर मुख्य न्यायाधीश ने कड़े शब्दों में कहा-’मैं यहां आयोग को उपदेश देने के लिए नहीं बैठा हूं।

बंगाल में हो रही जमकर हिंसा

उधर, पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन गुरुवार को भी जमकर हिंसा हुई, जिसमें अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में हुई हिंसा से पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। कई जगह मारपीट और गोलीबारी की घटना हुई। हमले में माकपा के 10 कायकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं, दर्जन भर से ज्यादा मामूली रूप से चोटिल हुए।

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