राघोपुर। NOI : गंगा नदी पर निर्मित जमींदारी घाट पीपा पुल मंगलवार की दोपहर हुई तेज आंधी-बारिश में बह गया। इसके बहने से राघोपुर जिला मुख्यालय का हाजीपुर से सड़क का संपर्क भंग हो गया है। वहीं, दियारे के करीब तीन लाख आबादी के सामने यातायात की समस्या उत्पन्न हो गई है।

बता दें कि यहां के लोगों के आवागमन का एकमात्र सहारा नाव रह गया है। अब करीब छह महीने तक राघोपुर दियारे के लोग गंगा मैया की कृपा पर ही नदी पार करेंगे। बड़ी संख्या में पहले से तय शादी-ब्याह को लेकर लोग चिंतित हैं। अब शादी-ब्याह के दौरान मजबूरी में बरातियों समेत दूल्हा-दुल्हन को नाव से ही नदी पार लगाना पड़ेगा।

पीपा पुल बह जाने से एक बार फिर से राघोपुर के लोगों की जिंदगानी छह माह के लिए पानी पर टिक गई है। इसके साथ ही नाविकों ने अब अपना भाड़ा भी बढ़ा दिया है। पहले जहां प्रति खेप प्रति व्यक्ति 10 रुपये भाड़ा लगता था। अब यह बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है।

इतना ही नहीं यातायात के एकमात्र साधन नाव होने के कारण इस पर ओवरलोडिंग भी शुरू हो गई है, जिससे खतरे की आशंका फिर मंडराने लगी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार निर्धारित समय से करीब डेढ़ माह बाद फरवरी में पीपा पुल चालू हुआ था। चालू होने के साथ ही इस पर रुक-रुक कर आवागमन बाधित होते रहा है। छह माह तक सेवा प्रदान करने वाला पीपा पुल इस बार मुश्किल से पांच माह ही सेवा दे सका।

85 लाख रुपया हुआ खर्च-भाजपा नेता

इधर, भाजपा नेता गौतम सिंह ने बताया कि सरकार का 85 लाख रुपया खर्च होने के बावजूद पीपा पुल सही तरीके से सेवा प्रदान नहीं कर सका। संवेदक ने काफी लेट से पीपा पुल लगाया और जैसे-तैसे एप्रोच रोड बनाया गया।

नदी में नाव चलाने में भी होगी दिक्कत

विभागीय आदेश था कि 15 जून के बाद पीपा पुल खोलकर हटा लिया जाएगा। हालांकि, गंगा नदी में पानी कम होने के कारण पीपा पुल को नहीं खोला गया था। अभी भी गंगा नदी में पानी कम है। इससे बड़ी नाव चलने में भी काफी दिक्कत होगी। 

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