नई दिल्ली, NOI : पीएम मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में बोलते हुए छात्रों को डीयू के इतिहास पर चर्चा की। इसी बीच उन्होंने छात्रों अपने दोस्त के साथ कॉलेज जाने-आने के दौरान होने वाली बातचीत का भी जिक्र किया, जिसको सुनकर सभी लोग हंसने लगे। 

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज जब दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 साल का समारोह हो रहा तो इस सेलिब्रेशन के माहौल में मुझे भी आने का मौका मिला है और साथियों का कैंपस में आने का मजा तभी होता है।

जब आप अपने दोस्तों के साथ आते हैं... दो दोस्त गप्पे मारते हुए चलते हैं... दुनिया जहान का बातें करें... कौन-सी फिल्म देखी, ओटीटी पर वो सीरीज अच्छी है, वो वाली रील देखी या नहीं देखी। बातों का अथाह समंदर होता है। इसलिए मैं आज यहां मेट्रो में अपने युवा दोस्तों से बातचीत करते हुए पहुंचा हूं।

वहीं, प्रधानमंत्री की इन बातों को सुनने के बाद हॉल में मौजूद सभी लोगों उत्साहित होकर तालियां बजाने लगे।

प्रधानमंत्री ने आगे अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ये सीखने की भी प्रक्रिया है। आज युवा कुछ नया करना चाहता है, अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है। 

देश में बढ़ी स्टार्टअप्स की संख्या: पीएम मोदी

हमारे देश में साल 2014 से पहले सौ स्‍टार्टअप थे। अब भारत में स्टार्टअप की संख्या 1 लाख पार कर गई है। हमारे एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। एक वक्त था जब छात्र किसी इंस्टीट्यूट में एडमिशन से पहले केवल प्‍लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे, पर आज युवा कुछ नया करना चाहते हैं। AI और VR साइंस फिक्‍शन, जिसको हम फिल्मों में देखते थे। वह अब हमारे जीवन का हिस्सा हैं।

उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई, 1922 को हुई थी। पिछले सौ वर्षों में, विश्वविद्यालय का काफी विकास हुआ है और अब इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से अधिक छात्र हैं जो राष्ट्र निर्माण में बेजोड़ योगदान दे रहे हैं।


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