Success Story: स्कूल एजुकेशन के बाद यूनिवर्सिटी और कॉलेज में दाखिले लेने वाले स्टूडेंट्स में सबसे बड़ी दुविधा होता है कोर्स या कॉलेज, किसे प्रायॉरिटी दें। कुछ स्टूडेंट्स कॉलेज को अहमियत देते हैं तो कुछ कोर्स को। कई स्टूडेंट्स का सपना होता टॉप कॉलेज से पढ़ाई करना, जबकि कुछ अपने पैशन को पूरा करने के लिए कुछ भी त्याग देने को तैयार होते हैं, फिर चाहे बात देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज आइआइटी दिल्ली की ही क्यों न हो। जी हां, इंडिया ही नहीं बल्कि वर्ल्ड लेवल पर पहचान रखने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से बीटेक के एक स्टूडेंट ने अपने पैशन को पूरा करने के लिए आइआइटी को छोड़ दिया।

दिल्ली से सटे नोएडा के रहने वाले सुजल सिंह ने इस साल आइआइटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक कोर्स में एडमिशन लिया था। हालांकि, कंप्यूटर साइंस में विशेष रूचि के चलते उन्होंने फिर दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) में दाखिला लिया। यहां पर सुजल ने बीटेक कंप्यूटर साइंस को चुना और इसके बाद आइआइटी दिल्ली की पढ़ाई छोड़ दी।

नोएडा में अपने पैरेंट्स के रहने वाले सुजल के पिता बलवंत सिंह एक लोकल स्ट्रीट वेंडर हैं, जो कि लोकप्रिय जीआइपी मॉल के बाहर टॉवेल और अन्य जरूरी घरेलू कपड़े साइकिल ट्रॉली पर बेचते हैं। टाइम्सनाऊ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार सुजल मूल रूप से अलीगढ़ से आते हैं। अपने बेटे की सफलता को लेकर बलवंत सिंह ने कहा कि मुझे अपने बेटे की काबिलियत पर पूरा भरोसा था। वह पूरी दिन पढ़ाई करता रहता था। भोर में ही उठ जाने के बाद से देर रात तक पढ़ाई करता था। जब भी मै रात में 2-3 के आस-पास पानी के लिए उठता था तो देखता था कि वह पढ़ रहा होता था। सुजल अपने दोस्तों के साथ बहुत ही कम बिताता था।

सुजल सिंह के पिता के बताया कि वे आइआइटी दिल्ली में दाखिले मिलने के बाद काफी खुश थे, लेकिन जल्द ही यह उनकी दुविधा भी बन गई। आइआइटी दिल्ली जैसे संस्थान जहां एडमिशन का लाखों स्टूडेंट्स सपना देखते हैं, लेकिन सुजल ने अपनी रूचि को प्राथमिकता देते हुए डीटीयू से बीटेक कंप्यूटर साइंस में दाखिला ले लिया।

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