शाहजहांपुर, NOI : गंगा में बाढ़ और विकराल हो जाएगी। खतरे का निशान करीब एक फीट तक डूब सकता है। शुक्रवार सुबह से गंगा नदी में नरौरा बैराज से 3.17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि 2.50 लाख क्यूसेक खतरे की सीमा निर्धारित है। 

दो दिन बाद रविवार को जब यहां से तीन लाख 17 हजार 158 क्यूसेक पानी पास होगा तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के हालात खराब हो जाएंगे। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने भैंसार ढाई बांध की सुरक्षा के लिए 31 अगस्त तक अवर अभियंता को बाढ़ पर कैंप ड्यूटी निर्देश जारी कर दिए है।

शुक्रवार सुबह नरौरा बैराज से डिस्चार्ज बढ़ाए जाने की रिपोर्ट मिलने पर प्रशासन में भी खलबली मच गई है। डीएम उमेश प्रताप सिंह ने एडीएम वित्त एवं राजस्व को बाढ़ प्रभावित गांवों पर नजर रख, हर संभव मदद के दिशा निर्देश जारी किए हैं।

गत दिनों छोडे गए 2.39 लाख क्यूसेक पानी के पास होने पर ही क्षेत्र के हालात बदतर बने हुए है। एसडीएम महेश कैथल ने बताया कि क्षेत्र में नायब तहसीलदार टीम के साथ सक्रिय है। शिविरों में रहने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों को भाेजन के साथ राहत सामग्री बांटी जा रही है।

मध्य रात्रि को फिर आया मालन उफान, बस्ती में पानी घुसने से लोगों में दहशत

नजीबाबाद में पहाड़ों पर हो रही लगातार वर्षा के चलते एक बार फिर मध्य रात्रि को मालन नदी में उफान आ गया। सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए कच्चे तटबंध को ध्वस्त करते मालन नदी का पानी कछियाना बस्ती में घुस गया। टीला मंदिर क्षेत्र स्थित नगर को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर करीब डेढ़-दो फीट पानी बहने लगा। मालन नदी कटान करते हुए लगातार कछियाना बस्ती की ओर बढ़ रही है।

बस्ती के साथ-साथ नदी की तेज धारा ने संपर्क मार्ग और एक बैंकट हॉल को नुकसान पहुंचा है। मध्य रात्रि की अचानक नदी के बढ़े जलस्तर देख कर लोगों की सांसें फूल गई। हालांकि चार-पांच दिन के बाद नदी का जलस्तर घटने पर लोगों ने राहत की सांस ली। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने एक बार फिर शासन प्रशासन से नदी क्षेत्र में पक्का तटबंध बनाने की मांग उठाई है


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