मथुरा, NOI : भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन पर्व बुधवार और गुरुवार को मनाया जाएगा। गुरुवार को भद्रा होने के कारण दिन में राखी नहीं बांधी जा सकेंगी। बाजार में भी इस पर्व को लेकर उत्साह है। बहनें राखी की खरीददारी कर रही हैं।

शुरू हुयी पूर्णिमा

पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे शुरू हो चुकी है। लेकिन इसी दौरान भद्रा शुरू होगी। भद्रा में राखी नहीं बांधी जा सकती हैं। रात 9.01 बजे भद्रा समाप्त होगी, इसके बाद राखी बांधी जा सकेगी। 31 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 7.07 बजे तक रहेगी। सबुह 11 बजे तक बहनें भाइयों के राखी बांध सकेंगी। बाजार में भी रक्षा बंधन पर्व को लेकर उत्साह है। बहनें भाइयों के लिए सबसे अच्छी राखी खरीद रही हैं। घेवर की भी खरीददारी की जा रही है।

भद्राकाल में नहीं बांधी जाती है राखी

ज्योतिषाचार्य अजय कुमार तैलंग ने बताया कि भद्रा में राखी बांधना निषेध है। धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन और भगवान सूर्य व माता छाया की संतान हैं। भद्रा का जन्म दैत्यों के विनाश के लिए हुआ था। जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह जन्म लेने के फौरन बाद ही पूरी सृष्टि को अपना निवाला बनाने लगी थीं। इस तरह से भद्रा के कारण जहां भी शुभ, मांगलिक कार्य, यज्ञ, अनुष्ठान होते, वहां विध्न आने लगता है। इस कारण से जब भद्रा लगती है तब किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

भद्रा का वास तीन लोकों में होता है। जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में मौजूद होते हैं। तब भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर होता है। पौराणिक कथा के अनुसार रावण की बहन ने भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का भगवान राम के हाथों नाश हुआ था । 

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