जागरण संवाददाता, बासुकीनाथ, (दुमका)। Jharkhand News: बढ़ती उम्र का असर भले ही लालू प्रसाद की भाव-भंगिमा पर दिख जाए, लेकिन उनका ठेठ अंदाज और मिजाज अब भी बरकरार है। कभी लालू प्रसाद के चलने के अंदाज की चर्चा होती थी, तो अब उनके राजनीतिक अनुभवों के लोग कायल हैं।

नरेंद्र मोदी ने सिर्फ झूठ बोला है: लालू

सोमवार को देवघर के दीवानी और बासुकीनाथ के फौजदारी दरबार में पूजा करने के बाद उन्होंने कहा कि आइएनडीआइए की जीत की कामना बाबा से की है। भोलेनाथ से देश को बदलने की कामना की है। कहा कि नरेंद्र मोदी ने कुछ भी काम नहीं किया है। सिर्फ झूठ बोला है। देश-दुनिया में अत्याचार बढ़ गया है।

अभिष्ट कामना के लिए षोड्शोपचार पूजन

मान्यता है कि फौजदारी दरबार बासुकीनाथ में भक्तों की अर्जी पर फौरी सुनवाई होती है। लालू प्रसाद यादव एवं राबड़ी देवी को उनके पुरोहित दयानंद झा, पप्पू पत्रलेख शुभम कश्यप, गुड्डू एवं मिठ्ठू बाबा ने अभिष्ट कामना की पूर्ति के लिए षोड्शोपचार विधि से पूजन कराया है।

संकल्प के दौरान लालू प्रसाद अपने कंधे पर भगवा रंग की हरी पट्टी वाला गमछा धारण किए हुए थे। लालू घुटने में दर्द की वजह से पूरी तरह से झुक नहीं पाते हैं, बावजूद इसके उन्होंने फौजदारी दरबार में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।

नहीं बदला लालू का ठेठ अंदाज, बढ़ती उम्र का भी दिखा असर, पूजा के बाद लिया दही-चूड़ा और चना घुघनी का आनंद

आरती करने के बाद वन विभाग के गेस्ट हाऊस के लिए रवाना हुए। उनके साथ झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव, पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव, सुरेश पासवान, अमरेंद्र यादव समेत कई राजद नेता मौजूद थे।

दही-चूड़ा के साथ गुड़ की मिठास

पूजा के उपरांत वन विभाग के गेस्ट हाऊस में अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। हरी मिर्च खाने के शौकीन लालू प्रसाद ने यहां दही-चूड़ा के साथ चीनी लेने के बजाए गुड़ की फरमाइश की, तो कार्यकर्ता गुड़ लाने के लिए दौड़ पड़े। पांच मिनट के बाद गुड़ लेकर पहुंचे।

अल्पाहार में लालू प्रसाद के लिए दही, कतरनी चूड़ा के अलावा आलू-परवल की सब्जी, चना की घुघनी, मिठाई और जरदाहा के पेड़े का इंतजाम था। यह जिम्मेवारी महेश साह और रजनीकांत के जिम्मे थी।

गेस्ट हाऊस परिसर में समर्थकों के लिए भी नाश्ते का प्रबंधन किया गया था। सुरक्षा के मद्देनजर दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खैरवार, एसडीपीओ नूर मुस्तफा, जरमुंडी के डीएसपी अमोद नारायण सिंह समेत कई पुलिस अधिकारी मुस्तैद थे।

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