नई दिल्ली। बेहतर सुरक्षा प्रबंधन के कारण जी-20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो जाने पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा गदगद हैं। कोरोना काल में दिल्ली पुलिस ने सड़कों पर मुस्तैद रहकर संकट में फंसे लोगों की मदद कर मानवता की मिशाल पेश की थी, जिससे देशभर में दिल्ली पुलिस की खूब सराहना हुई थी।
इससे दिल्ली पुलिस दिल की पुलिस बन गई थी। अब देश में हुए अब तक के सबसे बड़े आयोजन को सफल बनाने में अपना अहम योगदान देकर दिल्ली पुलिस ने दूसरी बार लोगों का दिल जीता है। गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली पुलिस की खूब सराहना की है।

सोमवार को आयुक्त की ओर से उनके ओएसडी डीसीपी मनीषी चंद्रा ने सभी 15 जिलों व यूनिटों के डीसीपी को पत्र जारी कर कहा है कि वे अपनी-अपनी सुविधा अनुसार जगह व तारीख तय कर अपने-अपने कर्मियों को बड़ा खाना (दावत) दें। पुलिस आयुक्त की ओर से धन्यवाद के प्रतीक के रूप में दावत का आयोजन किया जाएगा।

G20 का सफल आयोजन: दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दी सभी को बधाई, पुलिसकर्मियों को मिलेगी दावत और 2 दिन की छुट्टी

आयुक्त ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दी बधाई

जी-20 की सफलता के लिए पुलिस आयुक्त ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जी-20 की सुरक्षा प्रबंधन बेहद सुचारु, पेशेवर और सटीक क्रियान्वयन का नतीजा है, जिसमें दिल्ली पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की भागीदारी, प्रतिबद्धता और योगदान देखा गया, जिससे सम्मेलन सफल हो पाया।

जिले व यूनिटों के डीसीपी को जारी दूसरे पत्र में मनीषी चंद्रा ने कहा है कि जी-20 की सुरक्षा में शामिल सभी कर्मियों को वे दो-दो दिन का अवकाश दें। हर दिन करीब 10 प्रतिशत कर्मियों को अवकाश दें, ताकि अगले 10 दिनों में सभी को यह सुविधा मिल सके।

दिल्ली पुलिस के सभी रैंक के अधिकारियों व कर्मियों को जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा तैयारी में लगाया गया था। कई महीने तक उनकी ब्रीफिंग होती रही। समारोह का समय नजदीक आने पर वे रिहर्सल में जुटे रहे, तब जाकर सभी के सामूहिक सहयोग से रविवार को जी-20 सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो सका।

सभी को है आराम की जरूरत: आयुक्त

आयुक्त ने कहा कि सभी को आराम करने की जरूरत है, तभी तरोताजा होकर वे फिर से अपने-अपने जिले व यूनिटों में लौटकर पूर्व की भांति बेहतर काम कर पाएंगे। जी-20 की सुरक्षा में कहीं भी कोई सुरक्षा में कोई चूक न हो जाए, इसके लिए सभी अधिकारियों ने दिन-रात एक कर ईमानदारी से कड़ी मेहनत की। बहुत ही पेशेवर तरीके से काम किया। जिन अधिकारियों व कर्मियों की जहां ड्यूटी लगाई गई थी, उन्होंने बहुत ही बेहतर तरीके से उसे निभाया।

इसका एक बड़ा उदाहरण यह देखने को मिला, जब शनिवार रात में दिल्ली में वर्षा शुरू हुई (जो रविवार सुबह तक होती रही) तब रात भर सड़कों पर तैनात पुलिसकर्मी प्लास्टिक की बरसाती पहन बैरिकेड पर मुस्तैद रहे। किसी ने भी अपने निर्धारित प्वाइंट से हटने की कोशिश नहीं की। महिला पुलिसकर्मी भी सड़कों पर बैरिकेड लगातार मुस्तैद रहीं।

जी-20 सम्मेलन के लिए नई दिल्ली जिले के अलावा मध्य, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम व एरोसिटी के आसपास जो आम लोगों के आवागमन के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे। दुकानें बंद करवा दी गई थीं। सड़कों को डायवर्ट कर दिया गया था। वे सारे प्रतिबंध अब हटा दिए गए।

सुरक्षा में महिला पुलिसकर्मियों ने निभाई अहम भूमिका

जी-20 के सफल आयोजन से दिल्ली पुलिस के सिपाही से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक में खुशी है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए दिल्ली पुलिस कई माह से तैयारी कर रही थी। इसी का नतीजा है कि जी-20 शानदार और सुरक्षित तरीके से संपन्न हुआ। आयोजन को सफल बनाने में सभी की सामूहिक भूमिका है, लेकिन महिला पुलिसकर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है।

आयोजन स्थल की सुरक्षा में महिला पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा एजेंसियों की तीसरी आंख बनकर 700 सीसीटीवी कैमरों से पल-पल की जानकारी दी। विशेष प्रशिक्षण प्राप्त 150 महिला पुलिसकर्मियों को इसके लिए तैनात किया गया था।

प्रगति मैदान के अंदर भारत मंडपम में बनाए गए सीसीटीवी इंटीग्रेटेड रूम में इन महिला पुलिसकर्मियों को शिफ्ट के हिसाब से तैनात किया गया। सात से 10 सितंबर तक महिलाओं ने सीसीटीवी के जरिये हर गतिविधि पर नजर रखी। स्पेशल सेल की महिला डीसीपी प्रतीक्षा गोदारा के नेतृत्व में इस टीम ने 24 घंटे काम किया।

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