I.N.D.I.A गठबंधन के सीट बंटवारे के लिए राज्यों के नेताओं को मिलेगी जिम्मेदारी, कहां फंस सकता है पेंच?
समन्वय समिति की पहली बैठक अहम फैसला
NCP प्रमुख शरद पवार के आवास पर आयोजित समन्वय समिति की पहली बैठक में विपक्षी नेताओं ने कई बड़े निर्णय लिए हैं, जिसमें सबसे अहम सीट बंटवारे का फॉर्मूला निकालना पर चर्चा रही। बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सीट बंटवारा राज्य स्तर के नेताओं पर छोड़ा जाएगा।
अक्टूबर तक की डेडलाइन
न्यूज एजेंसी IANS के सूत्रों की मानें तो समन्वय समिति की पहली बैठक में कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें सीट बंटवारे का मामला भी उठा। काफी समय हुई चर्चा के बाद गठबंधन के सदस्यों ने फैसला लिया कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर राज्य स्तर के नेता ध्यान देंगे, जिसे अक्टूबर के अंत तक पूरा करना होगा।
सूत्र ने कहा कि इस मामले को अंतिम रूप राष्ट्रीय स्तर पर दिया जा सकता है।

यहां फंस सकता है पेंच
हालांकि, सीट बंटवारे पर बातचीत कई राज्यों में बहुत जटिल होगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि जहां सीटें पहले से ही इंडिया गठबंधन के विभिन्न दलों के पास हैं, वहां की पार्टियां उन सीटों को खाली करने के लिए तैयार नहीं होंगी। सीट बंटवारे की प्रक्रिया इस कारण ज्यादा समय भी लग सकता है।
उदयनिधि स्टालिन के बयान कई नेताओं की आपत्ति
सीट बंटवारे के अलावा समन्वय समिति ने महंगाई, बेरोजगारी और भाजपा के भ्रष्टाचार पर भी चर्चा की। इस बीच, कुछ नेताओं ने सनातन धर्म पर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी का भी जिक्र किया और पार्टी से ऐसी टिप्पणियां करने से परहेज करने को कहा।
नेताओं ने इस मुद्दे से कई राज्यों में गलत प्रभाव पड़ने की भी बात कही और भाजपा द्वारा इसका इस्तेमाल करने की भी बात कही।
बैठक में इन नेताओं ने लिया हिस्सा
समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल, राजद नेता तेजस्वी यादव, लल्लन सिंह की जगह जदयू के संजय झा, सीपीआई के डी. राजा, डीएमके के टी.आर. बालू, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, समाजवादी पार्टी के जावेद अली, आप के राघव चड्ढा, जेएमएम के हेमंत सोरेन और एनसी के उमर अब्दुल्ला शामिल थे।
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