हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना के विरोध में चल रहा आंदोलन तेज होता जा रहा है। धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है। वहीं जिला बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास किया कि हड़ताल के दौरान किसी अधिवक्ता ने न्यायिक कार्य किया तो दो हजार रुपये के जुर्माने के साथ उनकी सदस्यता समाप्त होगी।

हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ताओं का 29 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन चल रहा है। बागपत में अधिवक्ता हड़ताल कर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कचहरी के गेट पर धरना देते हैं तो कभी उप निबंधक कार्यालय की तालाबंदी करते हैं।

दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। दो दिन पहले हापुड़ पहुंचकर बड़ी संख्या में यहां के अधिवक्ताओं ने समर्थन दिया। हड़ताल के दौरान इक्का-दुक्का अधिवक्ता कार्य के लिए कचहरी पहुंच जाते है। इस पर जिला बार एसोसिएशन ने सख्त रुख अपनाया।

एसोसिएशन के अध्यक्ष रामकुमार तोमर का कहना है कि हड़ताल के दौरान यदि किसी अधिवक्ता ने न्यायिक कार्य किया तो दो हजार रुपये के जुर्माने के साथ उनकी सदस्य खत्म की जाएगी।

अधिवक्ताओं की मांग है कि हापुड़ की घटना में शामिल पुलिसवालों को बर्खास्त तथा घायल अधिवक्ताओं को उचित मुआवजा दिया जाए। हापुड़ के डीएम व एसपी का अति शीघ्र स्थानांतरण हो। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। वहीं अधिवक्ताओं की हड़ताल से वादकारी परेशान है। केसों की पैरवी भी बाधित हो रही है।



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