आज से हड़ताल पर झारखंड के डॉक्टर, ओपीडी बंद रहने से बढ़ेगी मरीजों की परेशानी, इमरजेंसी सेवाएं रहेंगी बहाल
कई हजार डॉक्टरों ने किया कार्य का बहिष्कार
आइएमए और झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) ने संयुक्त रूप से राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह और रिम्स निदेशक डा. आरके गुप्ता को पत्र लिखकर कार्य बहिष्कार की सूचना दी है।
आइएमए के समर्थन में झासा के साथ एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई), फेडरेशन ऑफ डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा), रिम्स जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए), ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े करीब 10 हजार से अधिक डाक्टर हैं।
मरीजों को परेशानी का करना पड़ेगा सामना
हड़ताल में रिम्स सहित सभी मेडिकल काॅलेज, सदर अस्पताल, ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल और निजी अस्पताल व क्लीनिक शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों में शुक्रवार को ओपीडी सेवाएं बंद रहेगी।
हड़ताल की वजह से इंडोर मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही बहाल रहेगी, जहां गंभीर या ट्राॅमा के मरीजों का डाॅक्टर इलाज करेंगे।
आज सुबह से ही डाक्टर हड़ताल पर रहेंगे
प्रदेश आइएमए सचिव डा. प्रदीप सिंह ने बताया कि राज्य भर के डाॅक्टर शुक्रवार की सुबह छह बजे से हड़ताल पर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आइएमए कभी भी मरीजों के विरोध में काम नहीं करता है, उनका अहित नहीं चाहता है, लेकिन जब तक डाॅक्टरों को सरकार सुरक्षा नहीं देती है, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया जा सका है, जबकि लगातार डाॅक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं घट रही हैं।
डॉक्टरों में बढ़ता जा रहा आक्रोश
उन्होंने आगे कहा, एमजीएम में जो घटना डाॅक्टर के साथ घटी है उसे मारने वाले आरोपितों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। जिससे डाक्टरों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। जेडीए ने कहा इंसाफ के लिए लड़ेंगे।
रिम्स जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. जयदीप कुमार ने बताया कि हड़ताल को लेकर रिम्स निदेशक को ज्ञापन दिया गया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि वे सभी हड़ताल पर रहेंगे, जिसमें उनका भी समर्थन चाहिए। अगर शुक्रवार को कोई सीनियर डाॅक्टर ओपीडी करते हैं, तो उन्हें जबरन बंद कराया जाएगा ताकि अपनी मांग सरकार तक पहुंच सके। इमरजेंसी सेवा चलती रहेगी।
रिम्स में पहले की तरह चलेगी ओपीडी
रिम्स निदेशक डा. आरके गुप्ता ने हड़ताल के मुद्दे पर कहा कि ओपीडी सेवा बहाल रहेगी और इसमें डाॅक्टर मरीजों का इलाज करेंगे।
सीनियर डाॅक्टरों व सभी विभाग के एचओडी के साथ बैठक कर निर्देश दिया गया है कि वे अपनी ड्यूटी समय पर करें ताकि मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
हालांकि, उन्होंने कहा कि एमजीएम के डाॅक्टर की साथ हुई घटना गलत है और उस छात्र के साथ सहानुभूति जरूर है, लेकिन डाॅक्टर अपने कार्य से हट नहीं सकते।
सदर में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
रांची के सिविल सर्जन डा. प्रभात कुमार ने बताया कि जब डाॅक्टरों के समर्थन की बात आती है, तो सभी एकजुट हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में शुक्रवार को ओपीडी प्रभावित हो सकता है। साथ ही सभी सीएचसी और पीएचसी सेंटरों में भी स्वास्थ्य सेवा बाधित हो सकती है। फिलहाल इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।
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