'कनाडा में हिंदुओं ने अमूल्य योगदान दिया है' विपक्षी नेता ने पन्नू को सुनाई खरी-खरी, ट्रूडो को भी दिखाया आईना
लोकप्रियता के सर्वे में पिछड़े ट्रूडो
पियरे पोइलिवरे (Pierre Poilievre) कनाडा की विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के नेता हैं। एक सर्वे में उन्होंने लोकप्रियता के मामले में पीएम जस्टिन ट्रूडो को पीछे छोड़ दिया है। पोइलिवरे को सर्वे में 40 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री पद के लिए पसंद किया है, जबकि ट्रूडो का केवल 31 प्रतिशत लोगों ने ही समर्थन किया। पोइलिवरे ने भी हिंदुओं पर टिप्पणी की निंदा करते हुए उनके योगदान की सराहना की।
'कनाडा में हिंदू समुदाय का हमेशा स्वागत किया जाएगा'
पोइलिवरे ने कहा कि हिंदुओं ने कनाडा के हर हिस्से में अमूल्य योगदान दिया है। यहां हिंदू समुदाय का हमेशा स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कनाडा में कोई भी व्यक्ति बिना किसी डर के रह सकता है।
गुरपतवंत पन्नू ने हिंदुओं को दी धमकी
दरअसल, भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो जारी कर भारतीय मूल के हिंदुओं को धमकी दी थी। इसके साथ ही, उनसे देश छोड़ने के लिए भी कहा था।
'कनाडा में बिना डर के जीने का प्रत्येक व्यक्ति को हक'
पोइलिवरे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कहा कि कनाडा में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी डर के जीने का हक है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में, हमने कनाडा में हिंदुओं को निशाना बनाते हुए घृणित टिप्पणियां देखी हैं। रुढ़िवादी हमारे हिंदू पड़ोसियों और दोस्तों के खिलाफ इन टिप्पणियों की निंदा करते हैं।
'हिंदुओं ने हमारे देश के हर हिस्से में दिया अमूल्य योगदान'
कनाडा के विपक्षी नेता ने आगे कहा कि हिंदुओं ने हमारे देश के हर हिस्से में अमूल्य योगदान दिया है। इसलिए उनका यहां हमेशा स्वागत किया जाएगा।
18 जून को हुई निज्जर की हत्या
बता दें, भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव उस समय पैदा हो गया, जब पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है। निज्जर की 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को किया खारिज
ट्रूडो के आरोपों को खारिज करते हुए भारत सरकार ने इसे बेतुका और प्रेरित बताया। कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए उनसे सतर्क रहने को कहा है।
इस पूरे विवाद पर पियरे पोइलिवरे ने कहा कि ट्रूडो को निर्णय लेने के लिए सभी तथ्यों के साथ स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिए। हमें सभी संभावित सबूतों को जानने की जरूरत है, ताकि उस पर निर्णय लिया जा सके।
'ट्रूडो ने केवल बयान दिया'
पोइलिवरे ने तो यहां तक कहा कि ट्रूडो ने कोई तथ्य नहीं दिया। उन्होंने केवल बयान दिया है। यदि अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो आरोप असत्य या अविश्वसनीय पाए जा सकते हैं। इस पर निर्णय लेने के लिए मुझे और सबूतों की जरूरत है।
'चीन के मामले में भी ट्रूडो ने यही दृष्टिकोण अपनाया'
पोइलिवरे ने आरोप लगाया कि जब चीन ने कनाडा के दो नागरिकों को बंधक बनाया था, तब भी ट्रूडो ने कुछ नहीं किया। उस मामले में भी उन्होंने यही दृष्टिकोण अपनाया था।
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